मिड डे मील की बोरियां उठवाने पर हेडमास्टर निलंबित, 17 शिक्षकों की वेतन वृद्धि रोकी

वाराणसी। चिरईगांव ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय पचरांव में बच्चों से मिड डे मील (एमडीएम) के खाद्यान्न की बोरियां उठवाने का मामला सामने आने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने सख्त कार्रवाई की है। बीएसए डॉ. अरविंद पाठक ने विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक छोटूराम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और उन्हें बीआरसी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। इसके अलावा, 17 सहायक अध्यापकों की एक वेतन वृद्धि रोक दी गई है, जबकि तीन अनुदेशकों का मानदेय भी रोकने का आदेश दिया गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से हुआ खुलासा

मामला 11 मार्च का है, जब मिड डे मील योजना के तहत कोटेदार से खाद्यान्न विद्यालय पहुंचाया गया। इस दौरान प्रधानाध्यापक ने 50-50 किलो वजन की बोरियां छात्रों से ढुलवाई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया।

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जांच में सभी दोषी पाए गए

बीएसए ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश दिया था। खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) चिरईगांव प्रीति सिंह को जांच सौंपी गई थी। जांच में प्रधानाध्यापक छोटूराम के अलावा 17 सहायक शिक्षक और 3 अनुदेशक प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए। रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया और 17 सहायक शिक्षकों की वेतन वृद्धि रोकने के साथ तीन अनुदेशकों का मानदेय भी अगले आदेश तक रोकने का निर्णय लिया।

बाल श्रम के तहत अपराध

बीएसए डॉ. अरविंद पाठक ने कहा कि बच्चों से इस तरह का काम कराना बाल श्रम की श्रेणी में आता है, जो कानूनन अपराध है और इसे किसी भी स्थिति में क्षमा नहीं किया जा सकता। मामले की विस्तृत जांच के लिए हरहुआ ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी पंकज कुमार को नियुक्त किया गया है। उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बीएसए का कड़ा संदेश

बीएसए ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। इस घटना के बाद शिक्षा विभाग ने सभी विद्यालयों को सख्त निर्देश दिए हैं कि बच्चों से किसी भी तरह का श्रम न कराया जाए।

Edited By: Parakh Khabar

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