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योगी सरकार का बड़ा फैसला: आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नया निगम, मिलेगा न्यूनतम 16 हजार वेतन और पीएफ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में बड़ा कदम उठाते हुए नई भर्ती प्रक्रिया लागू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सरकार अब निजी आउटसोर्सिंग कंपनियों को हटाकर खुद भर्ती करेगी। इसके लिए आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती निगम की स्थापना की जाएगी, जिस पर प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है। इस फैसले से आउटसोर्स कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है।
आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलेगा सीधा लाभ
नई व्यवस्था में क्या होगा खास?
समय पर वेतन: हर महीने की पहली तारीख को वेतन मिलेगा
छुट्टियां: कैजुअल और मेडिकल लीव जैसी सुविधाएं।
बीमा व पीएफ: बीमा कवर और पीएफ का नियमित भुगतान।
पारदर्शिता: आउटसोर्स कंपनियों की मनमानी खत्म होगी, भर्ती और भुगतान सरकार की निगरानी में होंगे।
आउटसोर्सिंग एजेंसियों को हटाने की वजह
सरकार ने पाया कि कई आउटसोर्स कंपनियों में नेताओं व नौकरशाहों के रिश्तेदार शामिल हैं, और ये कंपनियां उम्मीदवारों से रिश्वत लेकर भर्ती कर रही थीं। कई मामलों में कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं मिला और पीएफ जमा नहीं हुआ। पिछले साल 112 और 1090 हेल्पलाइन के कर्मचारियों ने इस मुद्दे पर आंदोलन भी किया था।
भर्ती प्रक्रिया कैसे होगी?
सामान्य प्रशासन विभाग के मुताबिक, सभी विभाग अपनी भर्ती जरूरतें निगम को देंगे, जो वैकेंसी जारी करेगा। चयन प्रक्रिया में शैक्षणिक योग्यता, परीक्षा व इंटरव्यू के आधार पर भर्ती होगी। कुछ पदों पर सीधी भर्ती भी होगी। कर्मचारियों को एक साल का कॉन्ट्रैक्ट दिया जाएगा, जिसे जरूरत के हिसाब से बढ़ाया जाएगा।
नौकरी पर कोई खतरा नहीं
वर्तमान आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित रहेगी। जब तक एजेंसी का टेंडर वैध है, वे काम करते रहेंगे। इसके बाद निगम के जरिए उनकी नियुक्ति होगी। अनुसूचित जाति (21%), अनुसूचित जनजाति (2%) और ओबीसी (27%) को आरक्षण का लाभ मिलेगा।
बढ़ा हुआ बजट
उत्तर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के बजट में भारी बढ़ोतरी की है। 2019-20 में 684.19 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जो 2025-26 में बढ़कर 1796.93 करोड़ रुपये हो गया है।
सरकार के इस फैसले से अब कर्मचारियों को उनका हक मिलेगा और भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी।