Kasganj News: फातिमा शेख की जयंती पर गोष्ठी, दलित और महिला शिक्षा में योगदान को किया गया याद

गंजडुंडवारा। भारत की पहली मुस्लिम शिक्षिका फातिमा शेख की जयंती के अवसर पर हर नारायन इंटर कॉलेज में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गंजडुंडवारा शिक्षा विकास समिति के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने फातिमा शेख के योगदान को याद करते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण किया और उनके जीवन पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम की शुरुआत और वक्ताओं के विचार

कार्यक्रम का शुभारंभ समाजसेवी अब्दुल हफीज गांधी और शिक्षा विकास समिति के संयोजक अनिल राठौर ने फातिमा शेख के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। कॉलेज की छात्रा चांदनी पाटकर ने अपनी कविता के माध्यम से फातिमा शेख के योगदान को दर्शाया, जबकि सिमरन गोला, आयुषी, मंतशा और चांदनी ने उनके जीवन चरित्र और शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रयासों पर अपने विचार साझा किए।

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फातिमा शेख का जीवन और योगदान

शिक्षा विकास समिति के संयोजक अनिल राठौर ने बताया कि फातिमा शेख मियां उस्मान शेख की बहन थीं। उस्मान शेख ने महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को अपने घर में आश्रय दिया था, जब उन्हें दलितों और महिलाओं के उत्थान के लिए उनके प्रयासों के कारण उनके पिता ने घर से निकाल दिया था।

1848 में, उस्मान शेख और फातिमा शेख के घर में एक स्कूल की स्थापना की गई, जहां दलित और उत्पीड़ित समुदायों के बच्चों को शिक्षित किया गया। फातिमा शेख ने ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर शिक्षा के माध्यम से सामाजिक बदलाव की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाया।

गोष्ठी में शामिल प्रमुख विचार

वक्ताओं ने कहा कि फातिमा शेख ने न केवल महिलाओं बल्कि दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को शिक्षित करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर उस दौर में शिक्षा के अधिकार के लिए काम किया, जब समाज में महिलाओं और दलितों को शिक्षा से वंचित रखा जाता था।

अब्दुल हफीज गांधी ने कहा कि उस्मान शेख और फातिमा शेख ने फुले दंपत्ति को अपने घर में स्कूल खोलने की अनुमति देकर सामाजिक उत्थान की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की। उनका योगदान भारतीय समाज में शिक्षा और समानता के मूल्यों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम में उपस्थिति

इस कार्यक्रम में शिक्षा विकास समिति के संयोजक अनिल राठौर, राशिद अली, शकील अंसारी, चंद्रभान सिंह, एवरन सिंह, कुलदीप शर्मा, ओम नारायण, अवधेश तौमर, जगत पाल सिंह, अमर बहादुर, ज्ञान सिंह, पूनम रानी समेत कॉलेज का पूरा स्टाफ उपस्थित रहा।

गोष्ठी ने फातिमा शेख के जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेकर शिक्षा और सामाजिक समानता की दिशा में काम करने का संदेश दिया।

Edited By: Parakh Khabar

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