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कासगंज चंदन हत्याकांड: छह साल 11 महीने बाद 28 आरोपियों को उम्रकैद, एनआईए कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
कासगंज: 2018 के गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा के दौरान हुई चंदन गुप्ता की हत्या के मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने छह साल 11 महीने बाद ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने 31 आरोपियों में से 28 को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। दो आरोपियों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया, जबकि एक आरोपी की सुनवाई के दौरान मौत हो गई।
28 आरोपियों को उम्रकैद और जुर्माना
फैसले के मुख्य बिंदु
उपस्थित आरोपी: 26 आरोपी अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित थे, जबकि एक आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ।
मुख्य आरोपी का समर्पण: मुख्य आरोपी सलीम, जो पहले गैरहाजिर था, ने शुक्रवार सुबह अदालत में आत्मसमर्पण किया।
बरी हुए आरोपी: असीम कुरैशी और नसरुद्दीन को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया गया।
चंदन हत्याकांड: घटना का विवरण
चंदन के पिता द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा के दौरान तहसील रोड पर हमलावरों ने यात्रा को रोका और तिरंगा छीनकर अपमान किया। उन्होंने "पाकिस्तान जिंदाबाद" और "हिंदुस्तान मुर्दाबाद" के नारे लगाते हुए चंदन गुप्ता पर गोली चलाई, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
परिवार की न्याय की लड़ाई
चंदन के भाई विवेक ने उन्हें न्याय दिलाने के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी और लगातार अदालत में पेश होते रहे। मां संगीता गुप्ता ने सजा सुनाए जाने तक अन्न-जल का त्याग कर दिया था।
न्याय मिलने के बाद परिवार की प्रतिक्रिया
फैसले के बाद चंदन की मां ने अखंड ज्योति जलाकर बेटे की आत्मा की शांति की प्रार्थना की। परिवार ने तिरंगा फहराते हुए "चंदन गुप्ता अमर रहें" के नारे लगाए और इसे सत्य की जीत बताया।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
फैसले के दिन जिले में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। मंदिरों, मस्जिदों और संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात रहा। वरिष्ठ अधिकारी क्षेत्रों में गश्त करते हुए स्थिति का जायजा लेते रहे।
तिरंगा यात्रा का प्रतीकात्मक महत्व
चंदन गुप्ता की देशभक्ति और तिरंगा यात्रा के प्रति समर्पण ने इस घटना को राष्ट्रीय महत्व का बना दिया। इस फैसले ने न्याय और सत्य की जीत का संदेश दिया है।