पत्रकारों पर एफआईआर के खिलाफ बलिया में उठी विरोध की आवाज

बलिया: मऊ जिले में शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले छह पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे के बाद प्रदेशभर में विरोध तेज हो गया है। बीएसए संतोष उपाध्याय और शिक्षिका रागिनी मिश्रा की शिकायत पर की गई कार्रवाई ने मऊ के साथ-साथ बलिया के पत्रकारों को भी आंदोलित कर दिया है।

बलिया के पत्रकारों ने अपने मऊ के साथियों के समर्थन में जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मुकदमे को तुरंत वापस लेने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार है, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कमजोर करने की साजिश भी है। पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि अगर यह मुकदमा वापस नहीं लिया गया, तो एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।

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मुख्य मांगें और विरोध

ज्ञापन में पत्रकारों ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार का खुलासा करना पत्रकारिता का धर्म है और इस पर रोक लगाने का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि यह घटना लोकतांत्रिक मूल्यों और मीडिया की स्वतंत्रता के खिलाफ है।

विरोध में शामिल प्रमुख पत्रकार

विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने वालों में सवेंद्र विक्रम सिंह, दिग्विजय सिंह, एन. डी. राय, प्रदीप गुप्ता, सिंधु तिवारी, बृजेंद्र सिंह, संजय तिवारी, रतनेश सिंह, शैलेंद्र सिंह, राणा सिंह, राजीव चतुर्वेदी, विवेक जायसवाल, असगर अली, और अरविंद सिंह प्रमुख रूप से शामिल थे।

पत्रकारों ने एकजुट होकर कहा कि अगर जल्द ही न्याय नहीं हुआ, तो यह विरोध प्रदेशव्यापी आंदोलन का रूप ले सकता है।

Edited By: Parakh Khabar

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