14 अप्रैल को मनाया जाएगा सतुआन पर्व, शुभ कार्यों की होगी शुरुआत, जानें महत्व और परंपराएं

बलिया: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल सहित बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मेष संक्रांति के दिन मनाया जाने वाला पारंपरिक पर्व सतुआन इस वर्ष 14 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करेगा और खरमास की समाप्ति के साथ ही मांगलिक कार्यों की भी शुरुआत हो जाएगी।

ज्योतिषाचार्य पं. अखिलेश उपाध्याय के अनुसार, इस दिन सूर्य उत्तरायण की आधी परिक्रमा पूरी कर लेते हैं। धार्मिक मान्यता है कि सतुआन के दिन सत्तू को इष्टदेव को अर्पित किया जाता है। मिट्टी के बर्तन में पानी, गेहूं, जौ, मकई और चना का सत्तू रखा जाता है, साथ ही आम का टिकोरा भी भोग स्वरूप अर्पित किया जाता है।

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इस दिन सत्तू का सेवन और दान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। सूर्य के मीन से मेष राशि में प्रवेश के दौरान सूर्य और चंद्रमा की रश्मियों से आरोग्यवर्धक अमृतधारा की वर्षा होती है, इसलिए इस दिन बासी भोजन खाने का भी विधान है।

विष्णु स्मृति के अनुसार, मेष संक्रांति के दिन प्रातः स्नान महापातकों का नाश करता है। साथ ही धर्मघट का दान, पितरों का तर्पण और मधुसूदन भगवान की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

सतुआन पर्व न केवल धार्मिक, बल्कि लोक सांस्कृतिक दृष्टि से भी पूर्वांचल की समृद्ध परंपराओं को दर्शाता है।

Edited By: Parakh Khabar

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