कलश यात्रा के साथ नववर्ष का शुभारंभ, गायत्री प्रवाह समाज और राष्ट्र के लिए दिव्य व दैविक: विजेंद्र चौबे

बलिया: गायत्री परिवार द्वारा 1 से 4 जनवरी तक आयोजित 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ राष्ट्र को सक्षम, समर्थ और समृद्ध बनाने का एक महान आध्यात्मिक प्रयास है। गायत्री शक्तिपीठ के प्रभारी विजेंद्र नाथ चौबे ने कहा कि मनुष्य एक भटका हुआ देवता है, और यदि वह सही दिशा में चल पड़े, तो उससे श्रेष्ठ कुछ भी नहीं। गायत्री महायज्ञ मानव को सही दिशा में ले जाने और उसकी चेतना को जागृत करने का माध्यम है।

महायज्ञ की जानकारी

श्री चौबे ने रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि नववर्ष के प्रथम दिवस यानी 1 जनवरी से 4 जनवरी तक गायत्री शक्तिपीठ परिसर में विराट 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ और गायत्री माता की प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा का वार्षिकोत्सव आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में 500 साधक दंपति मनोयोग से साधना करेंगे, जिनके प्रवास की समुचित व्यवस्था की गई है।

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दिव्य कलश यात्रा

आयोजन की शुरुआत 1 जनवरी को भव्य और दिव्य कलश यात्रा से होगी, जो झांकियों के साथ नगर भ्रमण करते हुए शक्तिपीठ परिसर लौटेगी। इसके बाद 2 जनवरी को यज्ञ संस्कार और संगीत प्रवचन, 3 जनवरी को यज्ञ संस्कार और दीपोत्सव, और 4 जनवरी को यज्ञ संस्कार व पूर्णाहुति का कार्यक्रम होगा।

व्यापक तैयारियां

विजेंद्र चौबे ने बताया कि आयोजन की सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। नगर की 20 टोलियों ने अक्षत और पुष्प बांटकर सभी को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि गायत्री प्रवाह ग्राम पंचायत स्तर तक फैल चुका है, और यह प्रवाह समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए दिव्य औ

Edited By: Parakh Khabar

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