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Agra News: सपा सांसद के आवास पर हमले का मामला, ‘अज्ञात भीड़’ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज, राम गोपाल यादव ने लगाया बड़ा आरोप

आगरा। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन के आवास पर बुधवार को कथित रूप से करणी सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किए जाने के एक दिन बाद, हरिपर्वत पुलिस थाने में ‘अज्ञात भीड़’ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह प्राथमिकी सुमन के बेटे रंजीत सुमन की शिकायत पर दर्ज की गई, जिसमें दंगा, हत्या के प्रयास, घर में जबरन घुसने और डकैती जैसी गंभीर धाराओं के तहत ‘‘सैकड़ों अज्ञात लोगों की अनियंत्रित भीड़’’ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
राम गोपाल यादव का आरोप हमला पूर्व नियोजित, प्रशासन को थी जानकारी
राम गोपाल यादव ने इसे पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) समाज पर हमला करार देते हुए कहा कि इस मुद्दे को लेकर सपा ईद के बाद आंदोलन करेगी।
करणी सेना कार्यकर्ताओं ने किया उत्पात, कई कारें क्षतिग्रस्त
बुधवार को दोपहर करीब एक बजे करणी सेना के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हरिपर्वत चौराहा के पास स्थित सुमन के आवास पर हमला कर तोड़फोड़ की। मकान के बाहर खड़ी कई कारों को भी नुकसान पहुंचाया गया। घटना के वायरल वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी भीड़ को काबू करने की कोशिश करते नजर आए।
सुमन की टिप्पणी से भड़की करणी सेना, अमू ने दी प्रतिक्रिया
इस घटना की पृष्ठभूमि में सुमन का हाल में वायरल हुआ एक वीडियो है, जिसमें उन्होंने राणा सांगा को ‘गद्दार’ बताया था। सुमन ने कहा था कि राणा सांगा ने बाबर को इब्राहिम लोदी को हराने के लिए आमंत्रित किया था। राणा सांगा 1508 से 1528 तक मेवाड़ के शासक रहे। सुमन की इस टिप्पणी को लेकर करणी सेना प्रमुख सूरजपाल अमू ने नाराजगी जताते हुए राज्यसभा सांसद और उनकी पार्टी से माफी की मांग की।
करणी सेना ने दी सफाई – क्षतिग्रस्त संपत्ति की भरपाई करेंगे
करणी सेना प्रमुख अमू ने कार्यकर्ताओं से कानून अपने हाथ में न लेने की अपील की और कहा कि विरोध लोकतांत्रिक तरीके से होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक सांसद के घर को हुए नुकसान का सवाल है, हम उन्हें नई कुर्सियां मुहैया कराएंगे और क्षतिग्रस्त कारों के विंडशील्ड भी बदलवाएंगे।’’
मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुआ हमला, सवालों के घेरे में प्रशासन
यह घटना उस समय हुई जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहर में ही एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। बावजूद इसके, प्रशासन ने हमलावरों को रोकने में नाकामी दिखाई, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रशासन ने जानबूझकर इस घटना को अनदेखा किया।
फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और अज्ञात हमलावरों की पहचान में जुटी हुई है।