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पीएम मोदी ने किया पांबन ब्रिज का उद्घाटन, जानिए क्यों कहा जाता है इसे इंजीनियरिंग का चमत्कार

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारत के पहले वर्टिकल सी-लिफ्ट ब्रिज, पांबन समुद्र पुल का उद्घाटन किया, जो रामेश्वरम द्वीप को देश की मुख्यभूमि से जोड़ता है। इस मौके पर उन्होंने रामेश्वरम से ताम्बरम (चेन्नई) तक एक नई ट्रेन सेवा की भी शुरुआत की और भारतीय तटरक्षक बल के एक नए शिप को हरी झंडी दिखाई।
क्या है पांबन ब्रिज की खासियत?
यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज है जिसकी लंबाई 2.08 किलोमीटर है। इसमें 99 स्पैन और 72.5 मीटर लंबा वर्टिकल लिफ्ट स्पैन शामिल है, जिसे जरूरत पड़ने पर 17 मीटर तक ऊंचा उठाया जा सकता है, जिससे बड़े समुद्री जहाज भी आसानी से गुजर सकें। इस पुल को बनाने में 550 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आई है।
मजबूत और टिकाऊ संरचना
पुल को मजबूती देने के लिए 333 पाइल्स और 101 पियर्स/पाइल कैप्स का उपयोग किया गया है। यह दो रेल लाइनों के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे भविष्य में ट्रैफिक बढ़ने पर भी इसका विस्तार संभव हो सके।
इसके अलावा, पुल की सतह पर पोलिसिलोक्सेन पेंट का उपयोग किया गया है, जो इसे जंग से बचाता है और समुद्री वातावरण में भी इसकी लंबी उम्र सुनिश्चित करता है।
इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका से लौटने के बाद किया, जहां उनके स्वागत में तमिलनाडु के वित्त मंत्री, केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन, भाजपा नेता के. अन्नामलाई और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता भी शामिल रहे।
पांबन ब्रिज न सिर्फ एक कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट है, बल्कि यह भारतीय इंजीनियरिंग कौशल और तकनीकी प्रगति का प्रतीक भी है।