MP News: मौनी अमावस्या पर नर्मदा और क्षिप्रा तटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब, ब्रह्म मुहूर्त में लगाई आस्था की डुबकी

भोपाल: माघ मास की मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर बुधवार को हजारों श्रद्धालु मां नर्मदा और मां क्षिप्रा के तटों पर पुण्य स्नान के लिए पहुंचे। ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजे से ही स्नान का सिलसिला शुरू हो गया, जो दोपहर तक जारी रहा। श्रद्धालुओं ने स्नान के साथ कथा, पूजन-पाठ और दान-पुण्य भी किया।

शिप्रा तट पर उमड़ी भीड़, हर-हर महादेव के गूंजे जयकारे

उज्जैन स्थित राम घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई। सोमती कुंड में भी भक्तों ने स्नान किया। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती की गई। वहीं, कई श्रद्धालु प्रयागराज की भीड़ से बचने के लिए शिप्रा नदी में स्नान कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं।

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नर्मदा के घाटों पर भक्तों का जनसैलाब

जबलपुर, नर्मदापुरम, नेमावर, महेश्वर, बरमान और सीहोर के नर्मदा घाटों पर हर-हर नर्मदे के जयकारों के साथ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। जबलपुर के ग्वारी घाट और जिलहरी घाट में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर व्यापक इंतजाम किए हैं।

सीहोर और अन्य जिलों में आस्था का उत्साह

सीहोर जिले में स्थित आंवली घाट, नीलकंठ और बुधनी घाट पर सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालु भोपाल, विदिशा, हरदा, इटारसी, बैतूल, बीना और छिंदवाड़ा जैसे कई शहरों से नर्मदा स्नान के लिए पहुंचे। रेलवे स्टेशनों पर भी यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई।

जबलपुर में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान की संभावना

जबलपुर के गौरीघाट, तिलवारा घाट और भेड़ाघाट में ब्रह्म मुहूर्त से स्नान का सिलसिला शुरू हुआ। अनुमान है कि लगभग दो लाख से अधिक श्रद्धालु यहां नर्मदा स्नान करेंगे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने घाटों पर पुलिस बल, गोताखोर और लाइफ जैकेट्स की व्यवस्था की है।

बड़वाह और नेमावर में भी श्रद्धालुओं का सैलाब

बड़वाह के नावघाट खेड़ी और नेमावर में भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे। नेमावर में अब तक 50,000 से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से बोट, गोताखोर और लाइफ सेविंग जैकेट्स की व्यवस्था की है।

दान-पुण्य और पितरों की शांति के लिए तर्पण

मौनी अमावस्या पर स्नान के साथ अन्नदान, वस्त्रदान और तर्पण का भी विशेष महत्व है। श्रद्धालुओं ने पितरों की शांति के लिए दीपदान और पिंडदान किया। धार्मिक अनुष्ठानों के साथ यह पर्व संपूर्ण मध्यप्रदेश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है।

Edited By: Parakh Khabar

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