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Manmohan Singh Death: एक नजर में, अर्थशास्त्र के छात्र से प्रधानमंत्री तक का सफर
नई दिल्ली: आर्थिक सुधारों के जनक और दस वर्षों तक देश की बागडोर संभालने वाले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। नौकरशाही और राजनीति में उनके पांच दशक लंबे करियर की मुख्य झलकियां:
1957: कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में तीन वर्षीय डिग्री (इकॉनमिक्स ट्रिपोस) प्राप्त की।
1962: ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल की उपाधि।
1971: भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में नियुक्त।
1972: वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बने।
1980-82: योजना आयोग के सदस्य।
1982-85: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर।
1985-87: योजना आयोग के उपाध्यक्ष।
1987-90: जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव।
1990: आर्थिक मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार नियुक्त।
1991: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष बने।
1991: असम से राज्यसभा के सदस्य चुने गए और 1995, 2001, 2007, और 2013 में फिर से चुने गए।
1991-96: पीवी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री, जहां उन्होंने आर्थिक सुधारों की शुरुआत की।
1998-2004: राज्यसभा में विपक्ष के नेता।
2004-2014: भारत के प्रधानमंत्री।
डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थशास्त्र से राजनीति तक का लंबा और प्रेरणादायक सफर तय किया। उनका योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीति में हमेशा याद किया जाएगा।