प्रेरणादायक कहानी: शिक्षिका का अनूठा संदेश, अंतिम यात्रा में कंधा देने की अपील

मध्य प्रदेश। समाज को शिक्षित करने और सही दिशा दिखाने का कर्तव्य निभाने वाली शिक्षिका शिवकुमारी जादौन ने एक प्रेरणादायक मिसाल पेश की है। विजयपुर की प्राथमिक शाला खितरपाल में पदस्थ शिवकुमारी ने न केवल अपनी संपत्ति हनुमान मंदिर को दान कर दी है, बल्कि सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले फंड और मरणोपरांत अंगदान का भी ऐलान किया है।

संपत्ति और फंड का दान

शिवकुमारी जादौन ने विजयपुर के एसडीएम अभिषेक मिश्रा को आवेदन और दस्तावेज सौंपते हुए अपनी सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले फंड को भगवान के नाम करने की घोषणा की। छह महीने पहले ही वह 0.011 हेक्टेयर में बने करीब एक करोड़ रुपये के मकान और अन्य संपत्ति को हनुमान मंदिर के लिए दान कर चुकी हैं।

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अंगदान का फैसला

उन्होंने यह भी कहा कि मृत्यु के बाद उनका शरीर दूसरों के काम आ सके, इसलिए वह अपने अंग दान करेंगी। इस फैसले के लिए एसडीएम अभिषेक मिश्रा और तहसीलदार मनीषा मिश्रा ने उन्हें सम्मानित किया।

आस्था और समाज सेवा का संगम

शिवकुमारी जादौन का जीवन सादगी और उच्च विचारों का प्रतीक है। शिक्षिका के रूप में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए उन्होंने भगवान में गहरी आस्था के साथ यह कदम उठाया। जब उनसे इस फैसले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने सहज भाव से कहा, "सब कुछ भगवान का है। मेरा क्या है? मैं तो चाहती हूं कि मरने के बाद भी मेरा शरीर दूसरों के काम आए।"

अपने सम्मान समारोह के दौरान भावुक होकर उन्होंने विजयपुर के लोगों से अपील की, "मेरी अंतिम यात्रा में मुझे कंधा देने जरूर आना।"

एक मिसाल बनीं शिवकुमारी

शिवकुमारी जादौन का जीवन सादा जीवन, उच्च विचार का उदाहरण है। अपनेनेक कार्यों और फैस

Edited By: Parakh Khabar

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