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किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट बोला-सीधे हमारे पास आएं प्रदर्शनकारी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आंदोलनकारी किसान अगर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के सामने नहीं जाना चाहते हैं तो वे सीधे सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट उनकी बातों को सुनने के लिए तैयार है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत पर चिंता जताते हुए कल यानी 19 दिसंबर को फिर सुनवाई करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की ज़िंदगी बहुत महत्वपूर्ण है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर उनको कुछ होता है तो बहुत मुश्किल हो जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर को एमएसपी और अन्य मुद्दों पर किसानों की चिंताओं से संबंधित मामलों को लेकर पंजाब और हरियाणा के पूर्व जज जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी में जस्टिस नवाब सिंह के अलावा हरियाणा के पूर्व डीजीपी पीएस संधु, प्रोफेसर देवेंद्र शर्मा, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. सुखपाल सिंह और चौधरी चरण सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, हिसार के कुलपति प्रोफेसर बीआर कंबोज शामिल हैं।
कोर्ट ने कमेटी के चेयरपर्सन को निर्देश किया कि वो एक सदस्य सचिव की नियुक्ति करें जो पंजाब एवं हरियाणा सरकार से बैठकों के लिए समन्वय करेंगे और रिकॉर्ड का रखरखाव करें। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 10 जुलाई को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर के बैरिकेड्स खोलने का निर्देश दिया था। हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हरियाणा सरकार का कहना है कि कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर उसने रास्ता बंद रखा हुआ है। हाई कोर्ट को ऐसा आदेश नहीं देना चाहिए।