पहलगाम आतंकी हमले पर भारत को मिला वैश्विक समर्थन, ट्रंप, पुतिन, नेतन्याहू और यूरोपीय नेताओं ने की निंदा

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की दुनियाभर के नेताओं ने निंदा की है और भारत के प्रति एकजुटता जताई है। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। अमेरिका, रूस, इजराइल, यूरोपीय संघ, श्रीलंका, नेपाल, जर्मनी, यूएई सहित कई देशों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन किया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत कर हमले को "जघन्य" बताया और कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है। ट्रंप ने 'ट्रुथ सोशल' पर भी एक पोस्ट में गहरी संवेदना व्यक्त की और मारे गए लोगों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की।

यह भी पढ़े - डॉ. मांगी लाल जाट बने ICAR के महानिदेशक, कृषि अनुसंधान में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी को संवेदना संदेश भेजा और कहा कि इस क्रूर कृत्य का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग मजबूत करने की बात कही।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को "बर्बर" बताया और भारत के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि इजराइल आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है। इजराइली विदेश मंत्री गिदोन सार ने भी हमले की निंदा की।

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने प्रभावित परिवारों, घायलों और भारत की सरकार के प्रति एकजुटता जताई। उन्होंने कहा कि इस हमले से उन्हें गहरा दुख हुआ है।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस, जो भारत दौरे पर हैं, ने भी पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और लिखा कि इस भयावह हमले से वह स्तब्ध हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि नागरिकों के खिलाफ कोई भी हमला किसी भी स्थिति में अस्वीकार्य है।

यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कालास और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भी हमले की कड़ी निंदा की। लेयेन ने कहा, "भारत की भावना को कोई नहीं तोड़ सकता। यूरोप इस कठिन समय में भारत के साथ है।"

जर्मनी के विदेश कार्यालय ने इसे "क्रूर हमला" बताया और निर्दोषों की हत्या को अस्वीकार्य कहा।

यूएई के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यूएई हिंसा और आतंकवाद के सभी स्वरूपों को पूरी तरह अस्वीकार करता है।

श्रीलंका और नेपाल ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और विदेश मंत्री आरज़ू राणा देउबा ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की और कहा कि नेपाल आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ है।

यह हमला ऐसे समय हुआ जब भारत ने कश्मीर घाटी में शांति बहाली की दिशा में कई कदम उठाए हैं। 2019 के पुलवामा हमले के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। मारे गए लोगों में एक यूएई और एक नेपाल का नागरिक भी शामिल है।

पूरी दुनिया से मिल रहे समर्थन ने भारत को इस लड़ाई में मजबूती दी है और स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता जरूरी है।

Edited By: Parakh Khabar

खबरें और भी हैं

स्पेशल स्टोरी

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.