लक्ष्मी पुरी की अवमानना याचिका पर टीएमसी सांसद साकेत गोखले को हाई कोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट्स के मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस हाई कोर्ट के आदेश का पालन न करने और 50 लाख रुपये का जुर्माना अदा न करने पर जारी किया गया। जस्टिस मनमीत प्रीतम अरोड़ा ने इस मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी 2025 को निर्धारित की है और साकेत गोखले को अपनी आय और संपत्तियों का खुलासा करने वाला हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

लक्ष्मी पुरी ने 2021 में साकेत गोखले के खिलाफ एक याचिका दायर की थी। गोखले ने 13 जून और 23 जून 2021 को ट्वीट्स के जरिए लक्ष्मी पुरी की संपत्तियों और उनकी आय के स्रोत पर सवाल उठाए थे। उन्होंने दावा किया था कि पुरी ने 2006 में जेनेवा में राजदूत के तौर पर कार्य करते हुए अपनी सैलरी से अधिक की संपत्ति खरीदी, जो कथित तौर पर काले धन से खरीदी गई थी। गोखले ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस मामले की जांच की मांग की थी।

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हाई कोर्ट का आदेश

1 जुलाई 2023 को हाई कोर्ट ने गोखले पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और उन्हें टाइम्स ऑफ इंडिया में माफीनामा प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया था। लक्ष्मी पुरी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने अदालत में तर्क दिया कि पुरी की संपत्तियां सार्वजनिक हैं और उनकी वैध आय के आधार पर दर्ज हैं।

कोर्ट की टिप्पणिया

कोर्ट ने कहा कि साकेत गोखले ने अपने ट्वीट्स में ऐसा व्यवहार किया जैसे वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई से ऊपर हों। गोखले ने पुरी की संपत्तियों और उनकी बेटी से जुड़े सवाल उठाए थे, जिन्हें अदालत ने अनुचित और अपमानजनक करार दिया।

कोर्ट ने गोखले को निर्देश दिया है कि वह अपनी आय और संपत्तियों का पूरा विवरण हलफनामे के रूप में प्रस्तुत करें। यदि वह ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

Edited By: Parakh Khabar

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