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छात्रों के हित में एनसीईआरटी का सराहनीय कदम
यह कहना उचित होगा कि राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए कक्षा 9 से 12 तक की पाठ्य पुस्तकों की कीमतों में 20 प्रतिशत की कटौती छात्रों के लिए एक बड़ा लाभ साबित होगी। यह पहला मौका है जब पाठ्य पुस्तकों की कीमतों में कमी की गई है।
कीमतों में कटौती के कारण
पुस्तकों की बढ़ती मांग और नई योजनाएं
एनसीईआरटी हर साल लगभग 4-5 करोड़ पुस्तकें छापता रहा है। बढ़ती मांग को देखते हुए इसने अब सालाना 15 करोड़ पुस्तकें छापने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत नई पाठ्य पुस्तकों को तैयार करने का काम भी किया जा रहा है। आगामी शैक्षणिक सत्र में चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं कक्षाओं के लिए नई पुस्तकें उपलब्ध होंगी, जबकि कक्षा 9 से 12 की नई पुस्तकें अगले सत्र में आएंगी।
एनसीईआरटी पुस्तकों की लोकप्रियता
सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य हैं। पाठ्यक्रम केंद्रित, समय पर उपलब्धता और अन्य प्रकाशनों की तुलना में सस्ती होने के कारण ये किताबें छात्रों के बीच पहले से ही लोकप्रिय हैं। इनके उच्च स्तर की सामग्री के कारण सिविल सेवा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी इनकी मांग अधिक रहती है।
शिक्षा क्षेत्र में बढ़ा खर्च और सुधार
केंद्रीय शिक्षा मंत्री के अनुसार, पिछले दस वर्षों में प्रति छात्र पर होने वाले खर्च में 130 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2013-14 में यह खर्च 10,780 रुपये था, जो 2021-22 में बढ़कर 25,043 रुपये हो गया। इस दौरान नामांकन, पास होने वाले छात्रों की संख्या, नए स्कूल और उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। बड़ी संख्या में स्कूल अब बिजली और इंटरनेट जैसी सुविधाओं से लैस हैं।
छात्रों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम
एनसीईआरटी द्वारा की गई यह पहल और शिक्षा क्षेत्र में हो रहे अन्य सुधार न केवल छात्रों की शिक्षा को किफायती बनाएंगे, बल्कि उनके भविष्य को एक नई दिशा भी प्रदान करेंगे। यह कदम छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए राहत लेकर आया है और शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक बदलाव का संकेत है।