चीन का भरोसा

चीन के विदेश मंत्री वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बुधवार को  वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने तथा पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार वर्ष से अधिक समय से तल्ख रहे द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने के लिए मुलाकात की। यह वार्ता भारत-चीन संबंधों को मजूबत करने की दिशा में एक अहम कदम है।

महत्वपूर्ण है भारत और चीन पांच साल के बाद सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए तैयार हुए हैं। वार्ता नई दिल्ली में हुई रचनात्मक चर्चाओं और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर टकराव के दो बिंदुओं से हाल ही में सैनिकों की वापसी के बाद हो रही है। ताजा घटनाक्रम द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में सकारात्मक पहल को दर्शाता है।  

यह भी पढ़े - छात्रों के हित में एनसीईआरटी का सराहनीय कदम

भारत और चीन अपने संबंधों में सुधार कर रहे हैं, जो लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं। पूर्वी लद्दाख में एलएसी  पर सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ और उसी साल जून में गलवान घाटी में घातक झड़प हुई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था। व्यापार को छोड़कर, दोनों देशों के बीच संबंध लगभग ठप हो गए। यह गतिरोध एक समझौते के तहत देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद समाप्त हुआ था।

सैनिकों की वापसी के समझौते को 21 अक्टूबर को अंतिम रूप दिया गया था। भारत-चीन के बीच 3488 किलोमीटर लंबी सीमा से जुड़े विवाद को निपटाने के लिए पिछले कुछ वर्षों में 22 बार बैठकें हुई हैं। परंतु दोनों देशों के बीच मौजूदा संधियों का पालन करने से चीन हमेशा मुकरता रहा और विवाद को सुलझाने में सफलता नहीं मिली।

उम्मीद की जा सकती है कि विशेष प्रतिनिधि वार्ता तनाव कम करने और सैनिकों की वापसी का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, जो लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में एलएसी पर तैनात हैं।  चीन भी इससे दबाब महसूस करता है। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन को पूरी तरह से पीछे हटना चाहिए और अपनी सेना को अप्रैल 2020 से पहले की तैनाती में वापस ले जाना चाहिए।  

1993 और 1996 के समझौतों का सम्मान करना चाहिए। राहत की बात है कि चीन  ने वार्ता के बाद भरोसा दिलाया है कि वह मतभेदों को सुलझाने के लिए तैयार है। द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ एवं सतत तरीके से आगे बढ़ाने के मकसद से भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।  दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए चल रहे प्रयास सराहनीय हैं और प्रगति की दिशा में यह आधारभूत कदम है।

Edited By: Parakh Khabar

खबरें और भी हैं

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.