Rudraprayag News: बर्खास्त सहायक अध्यापक को मिली पांच साल की कैद

रुद्रप्रयाग। फर्जी बीएड डिग्री के आधार पर सहायक शिक्षक की नौकरी पाने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने दोषी शिक्षक को पांच साल की जेल और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। सजा के बाद दोषी शिक्षक को पुलिस अभिरक्षा में पुरसाड़ी जेल भेज दिया गया। अदालत ने इस मामले में आदेश की प्रति उत्तराखंड शासन के शिक्षा और गृह सचिव को भी भेजी है।

राजू लाल ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से बीएड की डिग्री प्राप्त कर बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक की नौकरी हासिल की। बाद में, शिक्षा विभाग को सूचना मिली कि वर्ष 2005 से 2009 के बीच चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से बीएड डिग्री लेकर शिक्षक बने कुछ लोगों की डिग्री फर्जी है।

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एसआईटी जांच और कार्रवाई

मामले की एसआईटी जांच में रुद्रप्रयाग जिले में प्राथमिक से जूनियर स्तर तक 23 शिक्षक-शिक्षिकाओं की बीएड डिग्री फर्जी पाई गई, जिनमें राजू लाल भी शामिल थे। एसआईटी रिपोर्ट के बाद शिक्षा विभाग ने आरोपी शिक्षक को पहले निलंबित किया और फिर बर्खास्त कर दिया। इसके साथ ही फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज किया गया।

अदालती फैसला

पुलिस की विवेचना पूरी होने के बाद मामला जिला न्यायालय में पेश किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी ने शिक्षक को दोषी करार देते हुए पांच साल की जेल और दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने इस मामले में विभाग की लापरवाही को भी उजागर किया। कहा गया कि नौकरी देने, स्थायीकरण और प्रोन्नति के दौरान डिग्री और दस्तावेजों का सत्यापन नहीं किया गया, जो गंभीर चूक है।

Edited By: Parakh Khabar

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