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Varanasi News: मौनी अमावस्या के बाद भी काशी में श्रद्धालुओं का सैलाब, यातायात अव्यवस्थित
वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में मौनी अमावस्या के बाद भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही। सड़कों से लेकर गलियों तक लोगों का सैलाब नजर आया, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित हो गई। मुख्य मार्गों पर जाम की स्थिति बनी रही, जिससे श्रद्धालु गलियों से निकलने की कोशिश करते दिखे, लेकिन वहां भी भारी भीड़ के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा।
घाटों तक पहुंचने में परेशानी, यातायात हुआ डायवर्ट
श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दशाश्वमेध घाट के आसपास यातायात प्रतिबंधित कर दिया गया था। गोदौलिया, गिरजाघर, लक्सा, गुरुबाग, रथयात्रा, लहुराबीर और चेतगंज से होकर श्रद्धालुओं को भेलूपुर और मैदागिन की ओर भेजा गया, जहां से उन्हें केदार घाट, हरिश्चंद्र घाट, नगवां घाट, पंचगंगा घाट और सिंधिया घाट तक जाने दिया गया। वहीं, सोनारपुरा, भेलूपुर और कमच्छा में बैरिकेडिंग लगाकर वाहन चालकों को अन्य मार्गों पर डायवर्ट किया गया।
महाकुंभ की तैयारियों के बावजूद अव्यवस्था
महाकुंभ को देखते हुए प्रशासन ने वाराणसी के प्रमुख प्रवेश मार्गों को सील कर दिया था। यातायात प्रबंधन को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए थे, भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी, और UP-65 नंबर प्लेट वाले वाहनों को ही शहर में आने की अनुमति दी गई थी। लेकिन इसके बावजूद सड़कों पर अव्यवस्था बनी रही, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
प्रयागराज संगम में स्नान करने की उम्मीद लेकर निकले श्रद्धालुओं को भी निराशा हाथ लगी। काशी और सोनभद्र से प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं को रास्ते में ही रोक दिया गया। बुधवार को 2500 से अधिक वाहनों को विभिन्न स्थानों पर रोक दिया गया था, जिन्हें देर रात छोड़ा गया।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, पुलिस और गोताखोर तैनात
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। सड़कों से लेकर घाटों तक पुलिस बल तैनात रहा। महिला पुलिसकर्मी भी श्रद्धालुओं की सहायता में लगी रहीं। वहीं, गंगा घाटों पर गोताखोरों को भी तैनात किया गया, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।
मौनी अमावस्या के बाद भी श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था, लेकिन भीड़ और अव्यवस्था के कारण उनकी यात्रा चुनौतीपूर्ण हो गई।