शाहजहांपुर: नहर कटने से 200 बीघा फसलें बर्बाद, किसानों को भारी नुकसान

जलालाबाद: शाहजहांपुर के जलालाबाद क्षेत्र में गुलडिया गांव के पास जलालाबाद रजबाह नहर के कटने से करीब 200 बीघा से अधिक फसलें जलमग्न हो गईं। इस घटना से लगभग 50 किसानों की आलू, गेहूं और सरसों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। मौके पर पहुंचे लेखपाल ने स्थिति का जायजा लेकर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजने का आश्वासन दिया है।

रविवार शाम पांच बजे नहर में पानी छोड़ा गया था। रात करीब सात बजे गुलडिया गांव के पास नहर में कटाव हो गया। प्रशासन ने गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में लगे जेसीबी की मदद से कटाव को रोकने का प्रयास किया। हालांकि, सोमवार रात नहर में दूसरी जगह से फिर कटाव हो गया, जिससे रातभर पानी खेतों में बहता रहा।

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मंगलवार सुबह किसानों ने खेतों को जलमग्न देखा तो उनके होश उड़ गए। नहर का पानी खेतों को तालाब में बदल चुका था। सूचना पर पहुंचे नहर विभाग के अधिकारियों ने हेड से पानी बंद करवाया और जेसीबी की मदद से कटाव को रोकने के लिए मजबूत बंधा बनाया।

किसानों की आपबीती

किसानों का कहना है कि नहर कटने से उनकी मेहनत पर पानी फिर गया। रंजीत के 30 बीघा आलू, धनीराम के पांच बीघा गेहूं, रामराज के 12 बीघा आलू, रामू के 30 बीघा आलू सहित अन्य किसानों की फसलें पूरी तरह डूब गईं। किसानों ने बताया कि पिछले साल भी नहर कटने से फसलें बर्बाद हुई थीं, लेकिन मुआवजा अभी तक नहीं मिला।

मौके पर पहुंचे हल्का लेखपाल सुशील शर्मा ने नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करने की बात कही। वहीं, नहर विभाग के जूनियर इंजीनियर मोहित कुमार ने कहा, "नहर कटने की सूचना मिलते ही हेड से पानी बंद कर दिया गया। जेसीबी के जरिए कटाव वाले स्थान पर बंधा बनाकर पानी के बहाव को रोका गया है।" किसानों ने प्रशासन से अपील की है कि फसल बर्बादी का उचित मुआवजा जल्द दिया जाए, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति संभल सके।

Edited By: Parakh Khabar

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