Prayagraj News: महाकुंभ के बीच अनोखी भविष्यवाणी, 2029 में योगी आदित्यनाथ बनेंगे प्रधानमंत्री, प्रयागराज के बालक का दावा

प्रयागराज: महाकुंभ मेला हमेशा से रहस्यमय और चमत्कारी घटनाओं का केंद्र रहा है। इस बार प्रयागराज के 13 वर्षीय बालक, आजाद रजनी, ने एक अद्भुत दावा किया है। उसके अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2029 में भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे। यह भविष्यवाणी आजाद ने मां गंगा से मिले कथित आशीर्वाद के आधार पर की है।

आजाद रजनी का अनुभव

आजाद रजनी, जो प्रयागराज का निवासी है, 13 दिसंबर से 1 जनवरी तक महाकुंभ के दौरान गंगा सफाई अभियान में भाग ले रहा था। सेवा और समर्पण के इस कार्य के दौरान, उसने एक रात सपना देखा। आजाद के अनुसार, मां गंगा ने उसे सपने में दर्शन दिए और उसे भविष्यवाणी करने की शक्ति प्रदान की।

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मां गंगा से मिले इस वरदान के बाद, आजाद ने घोषणा की कि योगी आदित्यनाथ 2029 में देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। इस चमत्कारी अनुभव ने उसके परिवार और संगम तट पर आए श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित किया।

परिवार का विश्वास

आजाद के पिता, रजनीकांत, का मानना है कि यह महज संयोग नहीं है, बल्कि मां गंगा का दिव्य आशीर्वाद है। उन्होंने संगम से पवित्र जल भरकर योगी आदित्यनाथ को भेंट करने का संकल्प लिया है। रजनीकांत कहते हैं, “यह जल मां गंगा का संदेश है। योगी जी का प्रधानमंत्री बनना तय है।”

संगम तट पर चर्चा का विषय

यह घटना महाकुंभ के श्रद्धालुओं और संतों के बीच चर्चा का मुख्य विषय बन गई है। कुछ लोग इसे मां गंगा का आशीर्वाद मान रहे हैं, तो कुछ इसे अंधविश्वास कहकर खारिज कर रहे हैं। फिर भी, इस भविष्यवाणी ने महाकुंभ की पवित्रता और रहस्य को और गहरा कर दिया है।

भविष्यवाणी का सत्य या मिथक

आजाद की इस भविष्यवाणी ने देशभर के लोगों का ध्यान खींचा है। हालांकि, इस भविष्यवाणी की सत्यता का पता तो 2029 में ही चलेगा। लेकिन इस घटना ने महाकुंभ के आयोजन को एक नई आध्यात्मिक और रहस्यमयी कहानी जरूर दी है।

योगी आदित्यनाथ और श्रद्धालुओं की श्रद्धा

महाकुंभ में योगी आदित्यनाथ के प्रति श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास देखने को मिला। उनके नेतृत्व को न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक माना जा रहा है।

महाकुंभ अपनी अनोखी घटनाओं और चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। आजाद रजनी की यह भविष्यवाणी भी इस परंपरा का हिस्सा बन गई है। आने वाला समय बताएगा कि मां गंगा से जुड़ी यह कथा सच साबित होती है या यह सिर्फ एक अंधविश्वास है। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि इस घटना ने महाकुंभ की आध्यात्मिकता में एक नई कहानी जोड़ दी है।

Edited By: Parakh Khabar

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