Mahakumbh 2025: सनातन धर्म की रक्षा के लिए 100 से अधिक महिलाओं को नागा दीक्षा, तीन विदेशी भी शामिल

महाकुंभ नगर। सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार-प्रसार में नारी शक्ति का योगदान बढ़ता जा रहा है। रविवार को जूना अखाड़ा में 100 से अधिक महिलाओं को नागा संन्यासिन के रूप में दीक्षा दी गई। इनमें तीन विदेशी महिलाएं भी शामिल हैं।

जूना अखाड़ा की महिला संत दिव्या गिरि ने बताया कि प्रथम चरण में 102 महिलाओं को नागा दीक्षा दी गई है, और पंजीकरण अभी जारी है। दीक्षा पाने वाली महिलाओं ने 12 वर्षों तक सेवा और अपने गुरु के प्रति समर्पण दिखाया, जिसके बाद उन्हें अवधूतनी का दर्जा दिया गया।

यह भी पढ़े - Mau News: घर में लगी आग से 1 साल के बच्चे की मौत, 8 बकरियां भी जलकर राख

दीक्षा की प्रक्रिया

इन महिलाओं ने गंगा तट पर पहुंचकर मुंडन कराया और गंगा स्नान के बाद उन्हें कमंडल, गंगाजल और दंड प्रदान किए गए। अंतिम दीक्षा आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि द्वारा दी जाएगी।

विदेशी महिलाओं की भागीदारी

महाकुंभ में विदेशी महिलाओं ने भी नागा संन्यासिन की दीक्षा ग्रहण की और अब वे जूना अखाड़ा की सदस्य बन गई हैं। तीन विदेशी महिलाओं को दीक्षा के बाद नए नाम दिए गए:

  • इटली की बांकिया मरियम को शिवानी भारती।
  • फ्रांस की वेक्वेन मैरी को कामाख्या गिरि।
  • नेपाल की मोक्षिता रानी को मोक्षिता गिरी।

नारी शक्ति का योगदान

महाकुंभ में महिलाओं की यह भागीदारी सनातन धर्म में महिलाओं की भूमिका को और सशक्त बनाती है। दीक्षा प्राप्त महिलाएं धर्म और संस्कृति के प्रसार के लिए काम करेंगी। जूना अखाड़ा का यह कदम सनातन धर्म में नारी सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण उदाहरण है।

Edited By: Parakh Khabar

खबरें और भी हैं

स्पेशल स्टोरी

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.