पीलीभीत: अनुकूल पर्यावास से पीटीआर बना वैश्विक पक्षियों का ठिकाना, 10 से अधिक प्रजातियां मौजूद

पीलीभीत: पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में अनुकूल पर्यावास और मानवीय दखल कम होने के कारण जहां बाघ समेत अन्य वन्यजीवों की संख्या बढ़ रही है, वहीं अब यह स्थान पक्षियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। खास बात यह है कि यहां 10 से अधिक वैश्विक स्तर के पक्षियों की प्रजातियां दर्ज की गई हैं। यह पीटीआर के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

जैव विविधता में बढ़ोतरी

73,000 हेक्टेयर में फैला पीलीभीत टाइगर रिजर्व, जिसे "ज्वेल ऑफ तराई" भी कहा जाता है, बाघ संरक्षण परियोजना के तहत लगातार समृद्ध हो रहा है। यहां की बढ़ती जैव विविधता के चलते पक्षियों की 350 से अधिक प्रजातियां निवास कर रही हैं। इसमें अब कई वैश्विक स्तर की पक्षी प्रजातियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

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इन दुर्लभ पक्षियों की हुई पहचान

टरक्वाइज वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसायटी के अनुसार, पीटीआर में स्वाम्प फ्रानकोलिन, स्लेटी वुडपैकर, और बंगाल फ्लोरिकन जैसी दुर्लभ प्रजातियां मौजूद हैं। इसके साथ ही व्हाइट बैक्ड वल्चर, रेड हेडेड वल्चर, स्लेंडर बिल्ड वल्चर और ग्रास आउल जैसे पक्षी भी यहां देखे गए हैं। इसके अलावा, साइबेरिया से आए प्रवासी पक्षी चार महीने के प्रवास के बाद अपने वतन लौट जाएंगे।

पक्षियों के अनुश्रवण की जरूरत

टरक्वाइज वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसायटी के अध्यक्ष अख्तर मियां खान का कहना है कि पीटीआर में पक्षियों के संरक्षण के लिए अनुश्रवण टीम का गठन आवश्यक है। इससे इन दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण में मदद मिलेगी।

प्रशासन की पहल

पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि बढ़ती जैव विविधता के कारण पक्षियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। पक्षी संरक्षण से जुड़े कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा विभाग की प्राथमिकता है।

उल्लेखनीय पक्षी प्रजातियां

  • स्वाम्प फ्रानकोलिन
  • बंगाल फ्लोरिकन
  • स्लेटी वुडपैकर
  • व्हाइट बैक्ड वल्चर
  • रेड हेडेड वल्चर
  • ग्रास आउल
  • स्लेंडर बिल्ड वल्चर

पीलीभीत टाइगर रिजर्व की बढ़ती जैव विविधता न केवल वन्यजीवों के संरक्षण का प्रतीक है, बल्कि इसे वैश्विक पक्षी प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना रही है।

Edited By: Parakh Khabar

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