UP News: मदरसा शिक्षा में व्यापक सुधार पर जोर, सीएम योगी ने जताई चिंता—कहा, सिर्फ मजहबी शिक्षा तक सीमित न रहें मदरसे

Lucknow News। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की मदरसा शिक्षा व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता जाहिर की है और इसमें व्यापक सुधार और नवाचार की आवश्यकता पर बल दिया है। शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मदरसे केवल मजहबी शिक्षा तक सीमित न रहें, बल्कि वहां पढ़ने वाले छात्रों को आधुनिक, गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा भी दी जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मदरसे सिर्फ धार्मिक शिक्षा के केंद्र न बनें। छात्रों को नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जरूरी बदलाव किए जाएं।” उन्होंने मदरसा शिक्षा को पारदर्शी और समावेशी बनाने की बात कही, जिससे छात्रों का भविष्य उज्ज्वल हो सके।

यह भी पढ़े - Lucknow News: झुग्गी बस्ती में भीषण आग, 40 झोपड़ियां खाक, दमकल की 12 गाड़ियों ने चार घंटे में पाया काबू

योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा मदरसा बोर्ड की कामिल (स्नातक) और फाजिल (परास्नातक) उपाधियों को असंवैधानिक घोषित किए जाने के बाद नई चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं। ऐसे में शिक्षा व्यवस्था में बदलाव अब और भी जरूरी हो गया है।

सीएम ने मदरसा पाठ्यक्रम और शिक्षकों की योग्यता में नई शिक्षा नीति के अनुसार बदलाव की आवश्यकता बताई। उन्होंने शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने पर भी जोर दिया और कहा कि मौजूदा प्रणाली की समीक्षा अनिवार्य है।

इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्देश दिया, जिसमें बेसिक, माध्यमिक शिक्षा, वित्त, न्याय व अल्पसंख्यक कल्याण विभागों के विशेष सचिव सदस्य होंगे। यह समिति मदरसों के संचालन, शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर आवश्यक सुधारों की सिफारिश करेगी।

बयान के अनुसार, प्रदेश में वर्तमान में 13,329 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जिनमें 12,35,400 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें 9,979 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर, तथा 3,350 माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्तर के मदरसे शामिल हैं।

सीएम योगी का यह कदम मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।

Edited By: Parakh Khabar

खबरें और भी हैं

स्पेशल स्टोरी

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.