High Court: न्यायमूर्ति शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर जनहित याचिका खारिज

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को न्यायमूर्ति शेखर यादव के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया। यह महाभियोग प्रस्ताव पिछले महीने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक कार्यक्रम में उनकी कथित विवादास्पद टिप्पणी के कारण पेश किया गया था।

न्यायमूर्ति ए.आर. मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने याचिकाकर्ता अशोक पांडे द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया था कि राज्यसभा के सभापति को निर्देश दिया जाए कि वह 55 सांसदों द्वारा प्रस्तुत महाभियोग प्रस्ताव पर आगे कोई कार्यवाही न करें।

यह भी पढ़े - Ballia News: बलिया में ट्रैक्टर पलटने से मजदूर की मौत, तीन घायल

अदालत का रुख

पीठ ने कहा कि जनहित याचिका का उद्देश्य समाज के दबे-कुचले वर्गों की आवाज उठाना है, लेकिन यह मामला उस उद्देश्य के अंतर्गत नहीं आता। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जनहित याचिका दाखिल करने की तय सीमाओं से यह याचिका बाहर है और इसलिए यह सुनवाई योग्य नहीं है।

विवाद की पृष्ठभूमि

न्यायमूर्ति शेखर यादव ने 8 दिसंबर को विहिप के एक कार्यक्रम में समान नागरिक संहिता पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि इसका मुख्य उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, लैंगिक समानता, और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देना है। उनकी इस टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया था, जिसके चलते उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया।

उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इसे जनहित याचिका के दायरे में नहीं माना जा सकता और इस मामले में हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।

Edited By: Parakh Khabar

खबरें और भी हैं

स्पेशल स्टोरी

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.