Hardoi News: खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय बना भ्रष्टाचार का अड्डा, संविदा लिपिक पर गंभीर आरोप

शाहाबाद (हरदोई): ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात संविदा लिपिक अंकित त्रिपाठी पर शिक्षकों से अवैध वसूली करने के गंभीर आरोप लगे हैं। अध्यापकों का कहना है कि छूटे हुए बच्चों की "अपार आईडी" बनाने के लिए प्रति बच्चा ₹100 लिया जा रहा है। इसके अलावा, स्कूल भवन निर्माण से लेकर महिला शिक्षकों के मातृत्व अवकाश तक में मोटी रकम वसूली जा रही है।

शिक्षक परेशान, शिकायत करने से डर रहे

ब्लॉक क्षेत्र के शिक्षकों का कहना है कि संविदा लिपिक की मनमानी से वे काफी परेशान हैं, लेकिन कार्यवाही के डर से कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा। कुछ महीने पहले खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) की मेज पर पैर रखे तस्वीर वायरल हुई थी, जिससे उनकी काफी आलोचना हुई थी। अब उनके कार्यालय में कार्यरत संविदा लिपिक अंकित त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है।

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अपार आईडी बनाने के नाम पर अवैध वसूली

सरकार द्वारा बच्चों की "अपार आईडी" पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। कई मामलों में आधार कार्ड और स्कूल के पंजीकरण रजिस्टर में नाम अलग-अलग होने से आईडी नहीं बन पा रही थी। सरकार के निर्देशानुसार SDI की लेवल-2 यू-डाइस आईडी से छूटे हुए बच्चों का निःशुल्क पंजीकरण होना चाहिए, लेकिन शिक्षकों का आरोप है कि संविदा लिपिक अंकित त्रिपाठी ने इसे आय का जरिया बना लिया है। वह प्रति बच्चे ₹100 वसूल रहा है।

मध्यान्ह भोजन योजना में भी घोटाले के आरोप

कुछ महीने पहले मध्यान्ह भोजन योजना (MDM) के तहत स्कूलों के लिए बर्तन खरीदने का बजट आया था। शिक्षकों का कहना है कि संविदा लिपिक ने मनमाने ढंग से बर्तन खरीदने के लिए दबाव बनाया। जब इस मामले की शिकायत हुई, तो खंड शिक्षा अधिकारी ने इसे झूठा बताकर मामले को दबा दिया।

महिला शिक्षकों से मातृत्व अवकाश के नाम पर उगाही

ब्लॉक की महिला शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मातृत्व अवकाश के लिए प्रति माह ₹5,000 से ₹10,000 तक की रिश्वत मांगी जाती है। अगर कोई पैसा देने से मना करता है, तो सस्पेंड या बर्खास्त करने की धमकी दी जाती है।

स्कूल भवन निर्माण में 15% कमीशन की मांग

ब्लॉक के प्रधानाध्यापकों का कहना है कि पुराने स्कूल भवनों के रखरखाव, सौंदर्यीकरण और नए निर्माण के लिए मिलने वाले बजट में 15% कमीशन मांगा जाता है। यह पैसा खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) से लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) कार्यालय तक जाता है।

संविदा लिपिक खुद को विधायक का रिश्तेदार बताकर धमकाता है

संविदा लिपिक अंकित त्रिपाठी खुद को क्षेत्रीय विधायक का रिश्तेदार बताकर शिक्षकों पर रोब जमाता है। कंपोजिट ग्रांट के तहत शिक्षकों को लिपिक के हिसाब से वाउचर बनाकर चेक जारी करने पड़ते हैं।

खंड शिक्षा अधिकारी ने दी सफाई

खंड शिक्षा अधिकारी अनिल झा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मातृत्व अवकाश के लिए किसी तरह की अवैध वसूली नहीं की जाती। अपार आईडी के मुद्दे पर उन्होंने गोल-मोल जवाब देते हुए कहा कि शिक्षक खुद आईडी नहीं बनाते, इसलिए अंकित त्रिपाठी उनकी मदद करता है।

उन्होंने कहा कि अगर किसी शिक्षक को शिकायत है, तो वह जांच कराएंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

Edited By: Parakh Khabar

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