फेसबुक से बनी ‘कातिल दुल्हन’, प्रेम में पति और बच्चों की हत्या करने वाली महिलाएं हुईं बदनाम

गोरखपुर। मेरठ की मुस्कान की तरह गोरखपुर में भी अर्चना, सीतांजली, नीलम और सादिया जैसी महिलाओं ने प्रेम की खातिर अपने पति और बच्चों की हत्या कर खुद को आजीवन कलंकित कर लिया। इन महिलाओं ने प्रेमी के साथ जीवन बिताने के लालच में अपना हंसता-खेलता परिवार तबाह कर दिया और अब समाज और परिवार से कटकर गुमनामी में जीवन गुजारने को मजबूर हैं।

अर्चना यादव: पति और मासूम बेटे की हत्या, जेल से छूटी तो घर तक नहीं आया कोई

शाहपुर की अर्चना यादव ने 20 जनवरी 2016 को फिरोजाबाद के प्रेमी अजय यादव के साथ मिलकर पति डॉ. ओमप्रकाश यादव और मासूम बेटे शिवा की हत्या कर दी थी। इस मामले में सिविल कोर्ट ने अर्चना और अजय को सजा सुनाई थी।

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अब 9 साल बाद दोनों को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। 20 दिन पहले अर्चना को महाराजगंज जेल से रिहा किया गया, लेकिन परिवार का कोई भी सदस्य उसे लेने तक नहीं आया। अर्चना को कुछ दिन संवासिनी गृह में रहना पड़ा और उसके बाद वह वहां से कहीं चली गई।

सीतांजली: पति की हत्या के बाद गुमनाम जिंदगी जीने को मजबूर

गीडा के मल्हीपुर निवासी रामानंद विश्वकर्मा का शव 7 अप्रैल 2023 को पोखरे में मिला था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि रामानंद की पत्नी सीतांजली ने प्रेमी बृजमोहन और उसके दोस्त के साथ मिलकर पति की हत्या की थी।

दो साल बाद दोनों को जमानत मिल गई, लेकिन अब सीतांजली समाज से कटकर गुमनाम जिंदगी जी रही है। रामानंद के पिता रामप्रीत विश्वकर्मा ने नाराजगी जताते हुए कहा, “भले ही दोनों बाहर आ गए हैं, लेकिन जब तक उन्हें सजा नहीं दिला लूंगा, तब तक चैन से नहीं बैठूंगा।”

सादिया और अभिषेक: रेलकर्मी की हत्या के आरोप में जेल में बंद

गोरखनाथ क्षेत्र में मई 2023 में रेलकर्मी अफरोज आलम (50) की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। जांच में अफरोज की पत्नी सादिया और उसके प्रेमी अभिषेक चौधरी का नाम सामने आया।

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। फिलहाल, मामले का ट्रायल तेजी से चल रहा है और पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपियों को सजा सुनाई जाएगी।

नीलम: पति और दो बच्चों की हत्या पर आजीवन कारावास

सहजनवां के सहबाजगंज में 26 फरवरी 2023 को पति अवधेश गुप्ता (35) और उनके दो मासूम बेटों आर्यन (7) और आरव (6) की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी।

पुलिस जांच में पत्नी नीलम को दोषी पाया गया और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। एक साल आठ महीने तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने नीलम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जेल में नीलम अब बिल्कुल शांत रहती है और किसी से बात तक नहीं करती।

बर्बाद हुआ हंसता-खेलता परिवार, समाज ने किया किनारा

इन सभी मामलों में प्रेम के अंधेपन में हत्याएं करने वाली महिलाएं अब समाज से कट चुकी हैं। परिवार ने उनसे संबंध तोड़ लिए हैं और अब वे कहीं छिपकर गुमनाम जिंदगी बिताने को मजबूर हैं।

Edited By: Parakh Khabar

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