Barabanki News: रामभक्ति में डूबे किन्नर समाज ने अयोध्या की पैदल यात्रा शुरू की

बाराबंकी। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का जश्न मनाने के लिए श्रद्धालुओं का अयोध्या की ओर पैदल यात्रा का सिलसिला शुरू हो चुका है। देश-विदेश से भक्त रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूरे होने की खुशी में अयोध्या पहुंचने की तैयारी में हैं। इसी उत्साह के साथ किन्नर समाज के कुछ सदस्य भी लखनऊ से अयोध्या की पैदल यात्रा पर निकल पड़े हैं, जो भक्ति और श्रद्धा की एक अनोखी मिसाल पेश कर रहे हैं।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ

22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को एक साल पूरा हो जाएगा। इसे लेकर पूरे देश में भारी उत्साह है। अयोध्या पहुंचने के लिए कोई पैदल यात्रा कर रहा है, तो कोई साइकिल या अन्य साधनों से। लखनऊ के नक्खास क्षेत्र के गुलाटी अड्डा निवासी किन्नर कैश शर्मा ने भी अपने पांच साथियों के साथ पैदल अयोध्या जाने का संकल्प लिया और अब वे अपनी इस भक्ति यात्रा पर निकल चुकी हैं।

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श्रद्धा और भक्ति की अनोखी यात्रा

कैश शर्मा और उनके साथी माथे पर चंदन लगाकर "जय श्री राम" के नारे लगाते हुए रामनगरी अयोध्या की ओर बढ़ रहे हैं। यात्रा के दौरान वे लोगों से अपील कर रहे हैं कि राम मंदिर की पहली वर्षगांठ को ऐतिहासिक बनाएं, हिंदू समाज को एकजुट करें और भगवान राम के आदर्शों पर चलें।

कैश शर्मा ने बताया कि उनकी यात्रा का उद्देश्य रामलला के दर्शन करना और सनातन धर्म की शक्ति को समझने और उसे फैलाने का संदेश देना है। उन्होंने बताया कि उन्होंने राम मंदिर की पहली वर्षगांठ पर पैदल यात्रा का प्रण लिया था, जिसे पूरा करने वे अपने साथियों के साथ निकली हैं।

यात्रा में शामिल किन्नर समाज के सदस्य

कैश शर्मा के साथ उनकी छोटी बहन लवली, बेटी मुस्कान, सुप्रिया, और दिव्या भी इस यात्रा का हिस्सा हैं। वे सभी प्रभु श्रीराम के चरणों में पहुंचकर प्रार्थना करेंगी कि सनातन धर्म युगों-युगों तक अमर रहे।

सनातन धर्म के प्रति अपील

कैश शर्मा ने सभी से अपील करते हुए कहा कि अपने धर्म और ईश्वर की शक्ति को पहचानें। उन्होंने कहा, "सनातन धर्म दुनिया का सबसे सुंदर और प्यारा धर्म है। हमें भगवान राम के आदर्शों को अपनाकर जीवन जीना चाहिए और सनातन धर्म की अमरता के लिए प्रयास करना चाहिए।"

किन्नर समाज की यह असाधारण यात्रा न केवल श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक समरसता का भी एक प्रेरणादायक संदेश देती है।

Edited By: Parakh Khabar

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