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बजट में शिक्षकों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य के लिए कोई प्रावधान नहीं: डॉ. घनश्याम चौबे
Ballia News: विशिष्ट बी.टी.सी. शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. घनश्याम चौबे ने 2025 के आम बजट की समीक्षा करते हुए इसे मध्यम वर्ग के लिए निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई के बावजूद सरकार ने सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम के तहत नौकरीपेशा लोगों को आंशिक राहत दी है, जो अपर्याप्त है।
कर प्रणाली में सुधार की जरूरत
शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीं
डॉ. चौबे ने बजट में शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी किसी भी योजना के अभाव पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य लाभ और बीमा को लेकर कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है, जिससे वे आर्थिक असुरक्षा महसूस कर रहे हैं।
बीमा क्षेत्र में निजीकरण की ओर बढ़ता कदम
उन्होंने यह भी कहा कि बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की स्वीकृति ने निजीकरण का पूरा दरवाजा खोल दिया है। इससे सार्वजनिक बीमा कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा और आम जनता को महंगे बीमा उत्पादों की ओर धकेला जा सकता है।
युवाओं के लिए रोजगार योजनाएं केवल दिखावा
डॉ. चौबे ने सरकार द्वारा PPE मॉडल (निजी-सार्वजनिक भागीदारी) को मजबूत करने, कौशल विकास और मुद्रा लोन के माध्यम से युवाओं को रोजगार देने की घोषणाओं को दिवास्वप्न करार दिया। उन्होंने कहा कि बजट में सार्वजनिक क्षेत्र (Public Sector) को मजबूत करने के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया है।
'यह सिर्फ एक सामान्य बजट'
अंत में, उन्होंने अर्थशास्त्रीय दृष्टिकोण से इस बजट को केवल एक सामान्य बजट करार दिया और कहा कि इसमें मध्यम वर्ग, शिक्षक, कर्मचारी और पब्लिक सेक्टर के हितों की अनदेखी की गई है।