बलिया: सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों से दूरी बना रहे किसान, वजहें कर रही खुलासा

बैरिया, बलिया। इस वर्ष प्रदेश सरकार ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, बावजूद इसके किसान सरकारी क्रय केंद्रों की ओर रुख नहीं कर रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि अब तक बलिया जनपद में 1000 क्विंटल से भी कम गेहूं की सरकारी खरीद हो पाई है। इससे सरकारी खरीद व्यवस्था लगभग ठप हो गई है।

किसानों की बेरुखी के पीछे अहम कारण किसानों का कहना है कि निजी व्यापारी सीधे खेतों तक पहुंचकर नगद भुगतान के साथ गेहूं खरीद रहे हैं। व्यापारी 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान कर रहे हैं, जबकि सरकारी केंद्रों पर गेहूं ले जाने पर न केवल भाड़ा देना पड़ता है बल्कि कई औपचारिकताओं से भी गुजरना होता है।

यह भी पढ़े - Ballia News: 'रन फॉर बलिया' थीम पर चंद्रशेखर हाफ मैराथन आज, सुरक्षा के कड़े इंतजाम, 15 रिफ्रेशमेंट बूथ तैयार

किसानों ने बताया कि क्रय केंद्रों पर भुगतान में देरी, माप-तौल की प्रक्रिया और लंबी कागजी कार्रवाई उन्हें असुविधाजनक लगती है। इसके उलट प्राइवेट व्यापारी बिना किसी झंझट के मौके पर ही गेहूं खरीद रहे हैं, जिससे किसानों को समय और श्रम दोनों की बचत हो रही है।

सरकारी प्रयास जारी, फिर भी परिणाम फीके हालांकि, विपणन विभाग के कर्मचारी गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। वरिष्ठ हाट निरीक्षक शिवराम कुशवाहा ने बताया कि किसानों को सरकारी खरीद की ओर प्रेरित किया जा रहा है और उम्मीद जताई कि इस बार पिछले वर्ष की तुलना में अधिक खरीद हो सकेगी।

वहीं जिलाधिकारी बलिया ने विपणन विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सरकारी खरीद को हर हाल में रफ्तार दी जाए। अब देखना यह होगा कि प्रशासनिक प्रयास जमीन पर कितना असर दिखा पाते हैं, या फिर एक बार फिर सरकारी खरीद लक्ष्य अधूरा ही रह जाएगा।

Edited By: Parakh Khabar

खबरें और भी हैं

स्पेशल स्टोरी

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.