Ballia News: बलिया के परिषदीय स्कूलों में नए सत्र का जोरदार आगाज

बलिया: परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2025-26 का शुभारंभ 1 अप्रैल को विशेष आयोजन के साथ किया जाएगा। स्कूलों को फूलों, पत्तियों, गुब्बारों और झंडियों से सजाया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों में उमंग और उत्साह बना रहे। रंगोली बनाकर स्वागत को और आकर्षक बनाया जाएगा। शिक्षकों द्वारा मुख्य द्वार पर बच्चों का तिलक लगाकर एवं पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया जाएगा। मिड-डे मील में विशेष रूप से हलवा और खीर परोसी जाएगी ताकि विद्यार्थियों के पहले दिन को यादगार बनाया जा सके।

बीएसए ने जारी किए विशेष निर्देश

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने बताया कि महानिदेशक, स्कूल शिक्षा के निर्देशानुसार खंड शिक्षा अधिकारियों को इस आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के निर्देश दिए गए हैं। इस सत्र में परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अधिक से अधिक नामांकन सुनिश्चित करने पर जोर दिया जा रहा है। शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे अभिभावकों को जागरूक कर बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें।

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स्कूल चलो अभियान दो चरणों में होगा संचालित

बीएसए ने बताया कि जिले के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में दो चरणों में 'स्कूल चलो अभियान' चलाया जाएगा। पहला चरण 1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण ग्रीष्मावकाश के बाद 1 जुलाई से 15 जुलाई तक संचालित होगा। इस दौरान स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जा सके।

प्रचार-प्रसार के लिए विशेष इंतजाम

इस अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया जाएगा। प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग्स लगाए जाएंगे, पर्याप्त मात्रा में हैंडबिल वितरित किए जाएंगे और विद्यालय स्तर पर वाल राइटिंग कराई जाएगी। साथ ही, स्थानीय मीडिया, सोशल मीडिया, स्थानीय सिनेमाघर और लोकल चैनलों के माध्यम से भी व्यापक प्रचार किया जाएगा। विकासखंड और विद्यालय स्तर पर रैली एवं प्रभात फेरी का आयोजन किया जाएगा।

अभिभावकों एवं समुदाय की भागीदारी होगी सुनिश्चित

अभिभावकों और समुदाय को अभियान से जोड़ने के लिए विशेष पहल की जाएगी। विकासखंड एवं न्याय पंचायत स्तर पर ‘आउट ऑफ स्कूल’ बच्चों की पहचान, नामांकन और उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए विश्लेषण किया जाएगा। स्कूल चलो अभियान के तहत विकासखंड स्तर पर गोष्ठियों का आयोजन कर रणनीति एवं कार्ययोजना तैयार की जाएगी। स्थानीय समुदाय, विद्यालय प्रबंधन समिति, माँ समूह और क्षेत्रीय प्रभावशाली व्यक्तियों से संपर्क कर अधिक से अधिक बच्चों के नामांकन के लिए सहयोग लिया जाएगा। साथ ही, अभिभावकों की बैठक आयोजित कर उन्हें बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

‘आउट ऑफ स्कूल’ बच्चों की पहचान अनिवार्य

घरेलू कार्यों में संलिप्तता के कारण बालिकाओं के ड्रॉपआउट की संभावना अधिक होती है, जिसे रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। मीना मंच के माध्यम से नाटक और आधा-फुल कॉमिक्स पर आधारित कहानियों के वाचन और चर्चा कराई जाएगी। मलिन बस्तियों, झुग्गी-झोपड़ियों, रेलवे स्टेशन के पास, ओवरब्रिज के नीचे अस्थायी आवासों में रहने वाले परिवारों, परंपरागत कुटीर उद्योगों और ईंट भट्टों पर कार्यरत परिवारों के बच्चों के नामांकन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

विकासखंड स्तर के सभी शिक्षा अधिकारी अनिवार्य रूप से गांवों का दौरा करेंगे और अभिभावकों से संपर्क कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे। इस अभियान के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।

नए सत्र की शानदार शुरुआत

इस बार परिषदीय स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत विशेष जोश और उल्लास के साथ होगी। बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जाएंगे, जिससे उनका भविष्य उज्जवल बन सके।

Edited By: Parakh Khabar

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