बदायूं: बिजली निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों का प्रदर्शन, फैसला वापस लेने की मांग

बदायूं। बिजली के निजीकरण के फैसले के खिलाफ बदायूं में संविदा कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। बुधवार को पावर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के नेतृत्व में विद्युत वितरण खंड बिसौली के कर्मचारियों ने काला फीता बांधकर विरोध जताया और फैसला वापस लेने की मांग की।

कार्यालय पर जुटे प्रदर्शनकारी

सुबह 10 बजे से विद्युत वितरण खंड तृतीय कार्यालय पर कर्मचारी और संघ के पदाधिकारी एकत्र हुए। संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर उन्होंने काला फीता बांधकर पूरे दिन काम किया और नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने निजीकरण के फैसले को जनविरोधी और कर्मचारियों के हितों के खिलाफ बताया।

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निजीकरण के दुष्प्रभावों पर चिंता

प्रदेश संगठन मंत्री हरीश चंद्र यादव ने कहा कि बिजली के निजीकरण से न केवल कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडराएगा, बल्कि आम उपभोक्ताओं को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। प्रदेश उपाध्यक्ष हर्षवर्धन ने कहा कि विभागीय और संविदा दोनों प्रकार के कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल उठेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।

बिजली दरें बढ़ने की आशंका

जिला अध्यक्ष ठाकुर धीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि निजीकरण के बाद उपभोक्ताओं को मिलने वाला बिजली अनुदान बंद हो जाएगा, जिससे बिजली की दरों में वृद्धि होगी और जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।

आंदोलन की चेतावनी

निविदा संविदा कर्मचारी संघ ने शासन को चेतावनी दी है कि यदि निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया गया तो जिले के सभी चारों खंडों में अनवरत विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इससे विभागीय कामकाज बाधित होगा और उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

प्रमुख प्रतिभागी

आंदोलन में आलोक भटनागर, अभय यादव, नवीन शंखधार, मोहसिन, हर्षवर्धन, हरीश चंद्र यादव, धीरेंद्र कुमार सिंह, मेहताव मियां, उमेश यादव, प्रदीप प्रजापति, दीपक मौर्य, ओमप्रकाश पाल, सतपाल, करू और सुरजीत कश्यप समेत कई कर्मचारी शामिल हुए।

Edited By: Parakh Khabar

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