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राम मंदिर: हमारी संस्कृति और अध्यात्म की महान धरोहर - प्रधानमंत्री मोदी
अयोध्या: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने इसे भारतीय संस्कृति और अध्यात्म की अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा, “सदियों के त्याग, तपस्या और संघर्ष से बना यह मंदिर न केवल हमारी विरासत है, बल्कि विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में प्रेरणा का केंद्र भी बनेगा। पहली वर्षगांठ पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।”
वर्षगांठ पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
पिछले साल हुए ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमजन की भागीदारी संभव नहीं हो पाई थी। इस बार के आयोजन में करीब 110 विशेष आमंत्रित वीआईपी भी शामिल होंगे।
अंगद टीला स्थल पर एक जर्मन हैंगर टेंट स्थापित किया गया है, जिसमें 5000 से अधिक लोगों के लिए व्यवस्था की गई है।
प्राण प्रतिष्ठा: ऐतिहासिक क्षण
रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुई थी। यह पवित्र अनुष्ठान द्वादशी तिथि पर संपन्न हुआ था।
हिंदी पंचांग के अनुसार, 2025 में द्वादशी तिथि 11 जनवरी को पड़ी, इसलिए रामलला की पहली वर्षगांठ इस दिन मनाई जा रही है।
वर्षगांठ समारोह का आयोजन
समारोह की शुरुआत यजुर्वेद के पाठ से हुई। दोपहर 12:20 बजे भगवान रामलला की भव्य आरती संपन्न हुई, जिसके बाद उन्हें 56 व्यंजनों का भोग अर्पित किया गया।
इस आयोजन में उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और अयोध्या के 100 से अधिक संतों ने भाग लिया। श्रद्धालुओं और संतों के लिए अंगद टीला पर विशेष प्रबंध किए गए हैं, ताकि यह आयोजन भक्तिमय वातावरण में संपन्न हो।
जनभागीदारी और भव्य आयोजन
इस वर्षगांठ समारोह ने भक्तों को न केवल रामलला के दर्शन का विशेष अवसर दिया, बल्कि भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के प्रति उनकी आस्था को और मजबूत किया। अयोध्या का यह दिव्य-भव्य आयोजन देशभर में रामभक्ति और राष्ट्रीय एकता का संदेश प्रसारित कर रहा है।