यूपीएस ने सरकारी कर्मचारियों को मोदी सरकार का तोहफा मंजूर किया, उनके हालिया वेतन के 50% के बराबर पेंशन
नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना (एनपीएस) की जगह एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लाने के महत्वपूर्ण प्रस्ताव को शनिवार को सरकार ने मंजूरी दे दी।
नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना (एनपीएस) की जगह एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लाने के महत्वपूर्ण प्रस्ताव को शनिवार को सरकार ने मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत 25 साल की सेवा के बाद पिछले साल के औसत वेतन के आधे के बराबर पेंशन दी जाएगी। यूपीएस में सरकार के 18.5% योगदान के अलावा, गारंटीड न्यूनतम पेंशन, पारिवारिक पेंशन और समय से पहले सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान की व्यवस्था की गई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा, "इस योजना को पूरी वित्तीय व्यवस्था के साथ लागू किया जा रहा है।" कांग्रेस शासित कुछ राज्यों की योजनाओं के तहत यह कोई निरर्थक वादा नहीं है। उनके मुताबिक, इस कार्यक्रम से 30 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा पहुंचने का अनुमान है और अगर राज्य सरकारें यूपीएस अपनाती हैं तो कुल 90 लाख कर्मचारी लाभ पाने के पात्र होंगे। उनके अनुसार, सरकार अब एनपीएस में 18% का योगदान देती है, जबकि पहले यह 14% का योगदान देती थी। उनके अनुसार, कर्मचारी एनपीएस और यूपीएस में से सिर्फ़ एक बार ही चयन कर सकेंगे। वैष्णव के अनुसार, यह योजना पेशेवर संगठनों और कर्मचारी यूनियनों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद पेश की गई है।
यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि एनपीएस सरकारी कर्मचारियों के लिए एक राजनीतिक फ़ुटबॉल बन गई थी; पिछले चुनावों में, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम को खत्म करने और पिछले कार्यक्रम को फिर से लागू करने का संकल्प लिया था। वैष्णव ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यूपीएस और एनपीएस दोनों ही कर्मचारियों के योगदान को ध्यान में रखेंगे। यूपीएस द्वारा सरकारी कर्मचारियों से कोई और योगदान नहीं मांगा जाएगा। इसमें सिर्फ़ सरकार का हिस्सा बढ़ाया जा रहा है।
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