महिला सिपाही को बाबू की अभद्रता से तंग आ चुकी थी। वह अक्सर कहता था, "मुझसे अकेले में मिलो," और फिर...

UP News: कुछ चुलबुले अफसरों और कर्मचारियों की हरकतों के बारे में तो आम बात है। सबसे ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का है,

Jun 9, 2024 - 18:12
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महिला सिपाही को बाबू की अभद्रता से तंग आ चुकी थी। वह अक्सर कहता था, "मुझसे अकेले में मिलो," और फिर...
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UP News: कुछ चुलबुले अफसरों और कर्मचारियों की हरकतों के बारे में तो आम बात है। सबसे ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का है, जहां सीडीओ ऑफिस में कार्यरत वरिष्ठ सहायक देवेंद्र सिंह को महिला अफसर से अभद्रता और छेड़छाड़ के आरोप में डीडीओ ने निलंबित कर दिया। 

साथ ही, डीडीओ ने जिलाधिकारी आंध्रा वामसी के आदेश पर पूरे मामले की जांच के लिए उपायुक्त (स्वरोजगार) आशा देवी के नेतृत्व में चार लोगों की कमेटी गठित की। 22 मई को जिलाधिकारी को सौंपे गए शिकायती पत्र में महिला अफसर ने कथित तौर पर विकास भवन के स्टेनो क्लर्क देवेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बाबू पर कई बार अनुचित इशारे करने का आरोप है, जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया। उससे कई बार अकेले में मिलने को कहा गया। बाबू ने कई बार बदतमीजी करने की कोशिश की, लेकिन महिला अफसर उसे जाने से पहले हमेशा चेतावनी देती। आरोपी 21 मई की शाम को उसके कमरे में गया और जिले में मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारियों को लेकर प्रमुख मुद्दों पर बात करने लगा। बातचीत खत्म होने के बाद भी वह उसके कार्यालय में बैठा रहा।

वह उसे घूरता रहा और बीच-बीच में मुस्कुराता भी रहा। उसने कहा कि वह इस तरह नहीं बता सकता और जब उसने पूछा कि और कोई काम है तो बाबू ने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया। महिला अधिकारी ने इस मामले में जिलाधिकारी से शिकायत की है। महिला अधिकारी ने बाबू की हरकतों पर हैरानी और डर जताया है। वह कार्यस्थल और घर में असुरक्षित महसूस करती है। पीड़ित अधिकारी ने डीएम से दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और न्याय दिलाने की मांग की है। डीडीओ अजय कुमार सिंह ने भी बाबू को निलंबित कर दिया है और पूरे मामले की जांच के लिए चार सदस्यों की आंतरिक शिकायत समिति गठित की है। इस टीम में जिला गन्ना अधिकारी मंजू सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी श्रीप्रकाश पांडेय और इनरव्हील क्लब की सदस्य पारुल टिबरेवाल शामिल हैं। लेकिन कुछ लोगों का यह भी मानना है कि सीडीओ कार्यालय में उनकी पोस्टिंग गलत है। 

इस क्लर्क की मंजूरी के बिना कोई भी फाइल आगे नहीं बढ़ती। नतीजतन वह हर विभाग के चक्कर लगाता रहता है। असुरक्षित महसूस कर रही हैं महिला अधिकारी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिले में तैनात कुछ महिला अधिकारी असुरक्षा की भावना से ग्रसित हैं। कुछ दिन पहले नायब तहसीलदार ने एक महिला अधिकारी को प्रताड़ित किया था। यहां तक कि नायब तहसीलदार को जेल भी जाना पड़ा था। मीडिया ने इस मामले को खूब तूल दिया है।

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