Meerut News : चाचा ने खुद को केरोसिन में भिगोकर पुलिस से मासूम भतीजी के लिए न्याय की गुहार लगाई

दोपहर करीब डेढ़ बजे प्रीत विहार स्थित धागा निर्माता कंपनी के मालिक संजय गुप्ता अपनी क्रेटा कार से गढ़ रोड की ओर जा रहे थे। मोड़ पर बच्ची घर के सामने खेल रही थी।

Aug 5, 2024 - 17:53
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Meerut News : चाचा ने खुद को केरोसिन में भिगोकर पुलिस से मासूम भतीजी के लिए न्याय की गुहार लगाई

मेरठ: कारोबारी की कार की चपेट में आकर मासूम भतीजी की मौत के बाद चाचा संभल नहीं पाए। पुलिस कथित तौर पर कारोबारी को बचाने का प्रयास कर रही है। भतीजी को कार से कुचलने के बाद कारोबारी संजय गुप्ता अभी भी पुलिस से भाग रहा है। पीड़ित परिवार के मुताबिक आरोपी की ऊंची पहुंच उसे बचा रही है। पुलिस ने किशोर को आग लगाने से रोक लिया। मासूम का चाचा खुद पर केरोसिन डालकर आज यानी सोमवार को कमिश्नरी पहुंचा। उसने बताया कि कारोबारी ने उसकी डेढ़ साल की मासूम भतीजी की हत्या कर दी है।

पुलिस कुछ नहीं कर रही है। पुलिसकर्मी ने कमिश्नरी चौक पर हस्तक्षेप कर युवक को आग लगाने से रोका। इसके बाद पीड़िता के चाचा ने कमिश्नरी कार्यालय के गेट पर धरना दे दिया। साथ ही पीड़िता के चाचा ने भतीजी के लिए न्याय की गुहार लगाते हुए इंस्पेक्टर के पैर भी पकड़ लिए। पीड़िता के चाचा को सिविल लाइन पुलिस ले गई है। यह है पूरा मामला। नैचंदी थाने के पास प्रीत विहार में घर के बाहर खेल रही दो साल की बच्ची को कारोबारी की बेकाबू कार ने कुचल दिया। आसपास के लोगों ने शोर मचाना शुरू किया तो कारोबारी ने कार नहीं रोकी।

पहिया सिर के ऊपर से गुजरने से बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद परिजन बच्ची का शव उठाकर उसके साथ बैठ गए, जिससे हंगामा शुरू हो गया। उनका कहना था कि रिहायशी कॉलोनी में फैक्ट्री है। ऐसे में हादसा होना तय है। फैक्ट्री से सामान ले जाने वाले ट्रकों से आए दिन हादसे होते रहते हैं। वह सड़क पर खेलते हुए पहुंची थी। प्रीत विहार में अभिषेक प्रजापति अपने परिवार के साथ रहते हैं। कंपाउंडर अभिषेक नर्सिंग होम में काम करते हैं। अभिषेक का काम था।

उनकी पत्नी गुड्डन घर से ही काम करती थीं। उनकी दो साल की बेटी तनिष्का आंगन में खेल रही थी, तभी वह घुटनों के बल सड़क पर आ गई। दोपहर करीब डेढ़ बजे प्रीत विहार स्थित धागा बनाने वाली कंपनी के मालिक संजय गुप्ता अपनी क्रेटा कार से गढ़ रोड की ओर जा रहे थे। मोड़ पर घर के सामने बच्ची खेल रही थी। बच्ची को खेलते देख आस-पास के कुछ मजदूरों ने संजय गुप्ता से कार रोकने को कहा। इसके बावजूद संजय गुप्ता ने गाड़ी की गति धीमी नहीं की। कार मासूम बच्ची के सिर के ऊपर से गुजर गई, लेकिन लोग चिल्लाते रहे।

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