नकली नोटों की तस्करी में लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव गिरफ्तार
कुशीनगर। नकली नोटों की तस्करी में लिप्त दो सपा नेताओं समेत दस तस्करों को कुशीनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
कुशीनगर। नकली नोटों की तस्करी में लिप्त दो सपा नेताओं समेत दस तस्करों को कुशीनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए तस्करों के पास साढ़े पांच लाख रुपये से अधिक के नकली भारतीय नोट, तीन हजार के नेपाली नोट, अवैध असलहे, कारतूस व सुतली बम बरामद हुए हैं।
तस्करों में शामिल मोहम्मद रफीक उर्फ बबलू खान सपा लोहिया वाहिनी का राष्ट्रीय सचिव तथा नौशाद खान सपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ का प्रदेश महासचिव है। गिरफ्तार औरंगजेब भी राजनीति में सक्रिय था। सपा जिलाध्यक्ष शुकरुल्लाह अंसारी ने बताया कि दोनों पदाधिकारियों को पुलिस द्वारा फंसाया गया है। यह पार्टी को बदनाम करने की साजिश है। उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि नकली नोटों के तस्करों की धरपकड़ के लिए सीमावर्ती थानों और साइबर सेल को लगाया गया था। शनिवार की देर रात छापेमारी कर तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के आधार पर रविवार की रात सात और तस्करों को दबोचा गया। सभी के कब्जे से दो कार, 5.62 लाख रुपये के नकली भारतीय नोट, नकली के बदले मिले 1.10 लाख रुपये के असली नोट, तीन हजार की नेपाली मुद्रा, दस तमंचे, 30 कारतूस, 12 खोखा, तीन उच्च क्षमता के सुतली बम, 13 मोबाइल फोन, 26 फर्जी सिमकार्ड, 10 फर्जी आधार कार्ड, 10 एटीएम कार्ड, आठ लैपटाप बरामद हुए।
बिहार के सिवान का रहने वाला जितेंद्र यादव, गोपालगंज कुचायकोट का मनीष कुमार सिंह उर्फ छोटू, कमरुद्दीन व एक अज्ञात तस्कर फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश में पुलिस टीम दबिश दे रही है। पुलिस के अनुसार रफीक नेपाल के रास्ते जाली नोटों की तस्करी करा रहा था। औरगंजेब वर्ष 2005 में फर्जी प्रमाणपत्र पर पंचायत मित्र बन गया था, जिसे बाद में जांच के बाद निकाल दिया गया। 2016 में वह जिला पंचायत सदस्य और 2021 में ग्राम प्रधान पद का चुनाव भी लड़ा मगर हार गया। रफीक और परवेज खुद को वकील बताते थे। नौशाद की चश्मे की दुकान है। रफीक पर 11, औरंगजेब पर आठ, परवेज इलाही पर आठ, नौशाद पर चार, शेख जमालुद्दीन पर चार, नियाजुद्दीन पर एक आपराधिक मुकदमा दर्ज है। पकड़े गए सभी आरोपित जिले के तरयासुजान, सेवरही व तमकुहीराज क्षेत्र के रहने वाले हैं। उत्साहवर्धन के लिए पुलिस टीम को 25 हजार रुपये पुरस्कार की घोषणा की गई है।
नकली नोटों की तस्करी करने वाले संगठित गिरोह के सदस्य अकूत संपत्ति के मालिक बन गए थे। जो साइकिल से चलते थे, पांच वर्षों के भीतर ही उनके पास कार, ट्रक, मकान और दुकान हो गई। मोहम्मद रफीक उर्फ बबलू खान के परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ वर्षों में ही बदल गई और परिवार में संपन्नता आ गई। आठ साल पहले टेंपो चलाने वाले रफीक की हैसियत इतने कम समय में कैसे बदली, इसे लेकर पुलिस छानबीन में जुटी है। बाकी आरोपितों ने भी जाली नोटों के धंधे से खूब कमाई की और अमीर बन गए।
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