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WHO: ट्रंप ने अमेरिका को WHO से अलग किया, फैसले पर संगठन ने जताया खेद
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से देश को अलग करने का ऐलान कर दिया है। इस फैसले पर डब्ल्यूएचओ ने खेद जताते हुए उम्मीद की है कि अमेरिका इस निर्णय पर पुनर्विचार करेगा और संगठन के साथ साझेदारी बनाए रखने के लिए बातचीत करेगा।
शपथ ग्रहण के बाद लिया बड़ा फैसला
ट्रंप लंबे समय से करते रहे हैं आलोचना
ट्रंप पहले भी डब्ल्यूएचओ की आलोचना कर चुके हैं। अपने पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने अमेरिका को इस संस्था से अलग करने का प्रयास किया था, लेकिन उनके उत्तराधिकारी जो बाइडेन ने इस योजना को रोक दिया था। अब दोबारा सत्ता में आते ही ट्रंप ने इस योजना को लागू करने का आदेश दिया है। ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव को एक औपचारिक पत्र भेजने की बात भी कही है, जिसमें अमेरिका की इस फैसले की जानकारी दी जाएगी।
डब्ल्यूएचओ ने जताई निराशा, अमेरिका से की अपील
डब्ल्यूएचओ ने अपने बयान में कहा, "हम इस फैसले पर खेद जताते हैं और उम्मीद करते हैं कि अमेरिका इस पर पुनर्विचार करेगा। हम रचनात्मक बातचीत के लिए तैयार हैं, ताकि अमेरिका और डब्ल्यूएचओ के बीच साझेदारी को कायम रखा जा सके।"
डब्ल्यूएचओ का योगदान
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वह बीमारियों की रोकथाम, स्वास्थ्य प्रणालियों के निर्माण और वैश्विक स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए अहम भूमिका निभाता है। संगठन ने जोर दिया कि वह अमेरिकियों समेत दुनियाभर के लोगों की सेहत की रक्षा में योगदान देता है।
संस्थापक सदस्य रहा है अमेरिका
डब्ल्यूएचओ ने याद दिलाया कि अमेरिका 1948 में संगठन के संस्थापक सदस्यों में से एक था। तब से लेकर अब तक वह 193 अन्य सदस्य देशों के साथ मिलकर डब्ल्यूएचओ की नीतियों को आकार देने और लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाता रहा है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अमेरिका का यह कदम न केवल वैश्विक स्वास्थ्य प्रयासों को प्रभावित करेगा बल्कि दुनिया भर के लाखों लोगों की सेहत और सुरक्षा पर भी असर डालेगा।