विधानसभा में अवैध होर्डिंग का मुद्दा गरमाया, मंत्री माधुरी मिसाल को घेरा

Mumbai News: मुंबई विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अवैध होर्डिंग को लेकर बड़ा हंगामा हुआ। जब नगर विकास राज्य मंत्री माधुरी मिसाल से इस विषय पर सवाल पूछा गया, तो सत्तापक्ष के नेताओं ने ही उन्हें घेर लिया। चूंकि उपमुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे सदन में मौजूद नहीं थे, इसलिए मिसाल को जवाब देना था, लेकिन वे संतोषजनक उत्तर नहीं दे पा रही थीं।

स्थिति बिगड़ती देख उद्योग मंत्री उदय सामंत ने मोर्चा संभाला और सदस्यों के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने बताया कि मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में अब तक 1,09,387 खतरनाक होर्डिंग हटाए जा चुके हैं। साथ ही, राज्य की होर्डिंग नीति में संशोधन किया जाएगा।

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घाटकोपर हादसे के बाद सरकार सख्त

घाटकोपर में हुए होर्डिंग गिरने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सामंत ने बताया कि राज्य की सभी महानगरपालिकाएं और नगरपालिकाएं अब अनधिकृत और अधिकृत दोनों तरह के होर्डिंग का संरचनात्मक ऑडिट करेंगी।

इसके अलावा, सरकार ने एलईडी होर्डिंग्स की अत्यधिक रोशनी से होने वाली परेशानी को कम करने के उपाय करने की भी बात कही। चर्चा में विधायक विजय वडेट्टीवार, अमित साटम, जितेंद्र आव्हाड और वरुण सरदेसाई भी शामिल हुए।

राज्य में 9,026 होर्डिंग का ऑडिट, 59 मामले दर्ज

उद्योग मंत्री ने सदन को बताया कि मुंबई महानगरपालिका, नगरपालिका, नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्रों के लिए अलग-अलग विज्ञापन नीतियां बनाई गई हैं। अब तक राज्य में 9,026 होर्डिंग का ऑडिट किया जा चुका है, 1,09,387 अवैध होर्डिंग हटाए गए हैं और 59 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है।

शिवसेना (उद्धव) विधायक वरुण सरदेसाई ने मांग की कि फ्लाईओवर और सड़कों पर लगे एलईडी होर्डिंग्स पर नियंत्रण लगाया जाए, क्योंकि इनकी चकाचौंध से वाहन चालकों को परेशानी होती है और हादसे बढ़ रहे हैं।

ठाणे महानगरपालिका ने हाई कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

अवैध होर्डिंग के खिलाफ ठाणे महानगरपालिका (टीएमसी) ने शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इसमें दावा किया गया कि शहर में मौजूद 44 बड़े अवैध होर्डिंग में से 33 को हटा दिया गया है, जबकि 11 के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई है।

हालांकि, याचिकाकर्ता ने टीएमसी के इस दावे पर सवाल उठाए। अदालत ने याचिकाकर्ता को अवैध होर्डिंग का सर्वे करने और दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। यह जनहित याचिका महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ता संदीप पचांगे ने दायर की थी।

Edited By: Parakh Khabar

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