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मणिपुर के मुख्यमंत्री ने जातीय संघर्ष के लिए माफी मांगी, शांति और एकता की अपील की
इंफाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य में लंबे समय से जारी जातीय संघर्ष के लिए माफी मांगते हुए सभी समुदायों से अतीत की गलतियों को भुलाने और एकता बनाए रखने का आग्रह किया है। सोमवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शांति और सौहार्द के लिए प्रतिबद्धता जताई और कहा कि यह समय है जब राज्य को विकास और समृद्धि के रास्ते पर ले जाया जाए।
जातीय हिंसा और तनाव का इतिहास
मणिपुर पिछले कुछ महीनों से जातीय संघर्षों और सांप्रदायिक तनावों का सामना कर रहा है। मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष ने राज्य में सामाजिक ताने-बाने को कमजोर किया है। इस हिंसा में बड़ी संख्या में लोग बेघर हुए, कई ने अपनी जान गंवाई, और सार्वजनिक संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचा।
मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि सरकार ने शांति स्थापित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, "हमने संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाई है और पुनर्वास के लिए योजनाएं तैयार की हैं। सरकार का पूरा ध्यान हर नागरिक की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा पर है।"
शांति बहाली के प्रयास
राज्य सरकार ने शांति बहाली के लिए विभिन्न समुदायों के नेताओं और नागरिक संगठनों के साथ बातचीत शुरू की है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य की समृद्धि तभी संभव है जब हर समुदाय आपसी विश्वास और सद्भाव के साथ काम करे। उन्होंने युवाओं से विशेष अपील करते हुए कहा, "युवाओं को राज्य के भविष्य के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए और नफरत के रास्ते को छोड़कर शांति और विकास का मार्ग अपनाना चाहिए।"
राजनीतिक दलों और संगठनों से सहयोग की अपील
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से भी अपील की कि वे शांति प्रयासों में सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा, "हम सब मिलकर मणिपुर को एक बेहतर स्थान बना सकते हैं। यह समय है कि हम अपनी राजनीतिक और सामाजिक मतभेदों को भुलाकर राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित करें।"
जनता का मिश्रित प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री की इस माफी और अपील को जनता की ओर से मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिली हैं। कुछ लोगों ने इसे राज्य में शांति स्थापित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया, जबकि कुछ ने इसे देर से उठाया गया कदम करार दिया।
मणिपुर सरकार ने यह भी घोषणा की है कि शांति स्थापित करने और संघर्ष से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए विशेष योजनाओं को जल्द ही लागू किया जाएगा।