Kolkata Rape Case: दोषी को उम्रकैद पर ममता बनर्जी ने जताई नाराज़गी, कहा- ‘केस हमारे पास होता तो मिलती फांसी की सजा’

कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी संजय रॉय को सियालदह अदालत द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इस फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरी निराशा व्यक्त की।

अदालत ने मृत्युदंड की अपील खारिज की

सियालदह अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह मामला ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ श्रेणी में नहीं आता, इसलिए दोषी को मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता। अदालत ने संजय रॉय को दुष्कर्म और हत्या का दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया

मालदा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “मैं दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग करती रही हूं। अगर कोई इतना बर्बर और राक्षसी कृत्य कर सकता है, तो उसे समाज में रहने का अधिकार नहीं है। अगर जांच हमारे हाथों में होती, तो दोषी को फांसी की सजा दिलाई जाती।"

उन्होंने आगे कहा कि “अगर किसी को उम्रकैद मिलती है, तो वह पैरोल पर छूट सकता है। यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला नहीं है, तो फिर और क्या होगा? हमारी सरकार ने अपराजिता विधेयक पास किया है, लेकिन केंद्र ने इसे अभी तक लटकाया हुआ है।"

राज्य सरकार जाएगी हाईकोर्ट

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार सियालदह अदालत के फैसले को कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती देगी। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और दोषी को मृत्युदंड मिलना चाहिए।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने दी अपील की अनुमति

इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को सियालदह अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करने की अनुमति दे दी है। महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक की खंडपीठ के समक्ष अपील दायर कर दोषी को मृत्युदंड देने का अनुरोध किया है।

सितंबर 2024 में पश्चिम बंगाल विधानसभा ने अपराजिता विधेयक पारित किया था, जिसका उद्देश्य दुष्कर्म और यौन अपराधों के लिए सजा को मृत्युदंड या आजीवन कारावास तक बढ़ाना है। मुख्यमंत्री ने इस विधेयक को जल्द लागू करने की जरूरत पर जोर दिया।

Edited By: Parakh Khabar

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