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आरएसएस से सेवा भाव सीखें, भागवत को पत्र लिखने से बचें: भाजपा का केजरीवाल पर पलटवार
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें मीडिया का ध्यान खींचने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखने जैसी "राजनीतिक चालें" छोड़ देनी चाहिए। भाजपा ने केजरीवाल को सुझाव दिया कि वे आरएसएस से "सेवा की भावना" सीखें और सकारात्मक राजनीति करें।
केजरीवाल का पत्र और आरोप
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत को एक पत्र लिखकर भाजपा पर आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनावों से पहले "खुलेआम धन बांटने" और दिल्ली की मतदाता सूची से पूर्वांचल और दलित समुदाय के लोगों के नाम हटाने की कोशिश कर रही है।
केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा था, "यह लोकतंत्र और संविधान पर सीधा हमला है। दिल्ली के मतदाताओं को डराने और उनके अधिकारों को छीनने की कोशिशें की जा रही हैं, जिन्हें रोकना आवश्यक है।"
भाजपा का पलटवार
भाजपा ने केजरीवाल के आरोपों को "झूठ और ध्यान भटकाने की राजनीति" करार दिया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, "यह पहली बार नहीं है जब केजरीवाल ने चुनावों से पहले इस तरह के निराधार आरोप लगाए हैं। जब उनकी सरकार की विफलताएं उजागर होती हैं, तब वह इस तरह के राजनीतिक नाटक रचते हैं।"
आरएसएस पर जोर
भाजपा नेताओं ने कहा कि आरएसएस एक ऐसा संगठन है जो "निस्वार्थ सेवा" और "राष्ट्र निर्माण" में विश्वास रखता है। उन्होंने केजरीवाल को सुझाव दिया कि वे आरएसएस के कार्यों से प्रेरणा लें और दिल्ली की जनता के कल्याण के लिए काम करें।
राजनीतिक तनाव बढ़ा
आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर दिल्ली में राजनीतिक माहौल गरम हो चुका है। केजरीवाल और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का यह सिलसिला चुनावों तक जारी रहने की संभावना है। दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर तीखे प्रहार कर रहे हैं, जिससे साफ है कि दिल्ली की राजनीति में यह साल चुनौतीपूर्ण और विवादास्पद होने वाला है।