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वन नेशन, वन इलेक्शन: जेपीसी की पहली बैठक आज, दो विधेयकों पर होगी चर्चा
नई दिल्ली: एक देश, एक चुनाव के संबंध में दो महत्वपूर्ण विधेयकों पर विचार करने के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की पहली बैठक बुधवार को हो रही है। इस बैठक में विधि और न्याय मंत्रालय के अधिकारी प्रस्तावित कानूनों की विस्तृत जानकारी देंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली इस 39 सदस्यीय समिति में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
प्रियंका गांधी समेत कई बड़े नेता समिति में शामिल
एक देश, एक चुनाव के लिए विधेयक
केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में वन नेशन, वन इलेक्शन से जुड़े दो विधेयक पेश किए।
1. संविधान (129वां संशोधन) विधेयक: लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने का प्रस्ताव करता है।
2. दूसरा विधेयक: चुनाव प्रक्रिया और समयसीमा को पुनः परिभाषित करने से संबंधित है।
दोनों विधेयकों को चर्चा और विचार के लिए जेपीसी को भेजा गया है। सरकार ने समिति की सदस्य संख्या 31 से बढ़ाकर 39 कर दी है, ताकि सभी दल अपनी राय व्यक्त कर सकें।
समिति में प्रमुख सदस्य
जेपीसी में अन्य प्रमुख सदस्यों में अनुराग ठाकुर, पुरुषोत्तम रूपाला, मनीष तिवारी, बांसुरी स्वराज और संबित पात्रा जैसे सांसद शामिल हैं। समिति में लोकसभा से 27 और राज्यसभा से 12 सदस्य हैं। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने समिति को अगली संसद सत्र के अंतिम सप्ताह तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा दी है।
1967 में हुआ था अंतिम बार 'वन नेशन, वन इलेक्शन'
भारत में आखिरी बार वन नेशन, वन इलेक्शन के तहत चुनाव 1967 में हुए थे। उस समय पूरे देश में एक ही चरण में मतदान हुआ, सिवाय उत्तर प्रदेश के, जहां चार चरणों में मतदान हुआ था। यह चौथा आम चुनाव था, जिसमें 520 लोकसभा और 3563 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ था।
1967 के चुनाव में कांग्रेस को अपने सहयोगियों के विरोध और देशभर में उभरती विरोधी लहर का सामना करना पड़ा था। यह स्थिति जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद उत्पन्न हुई थी।
जेपीसी की इस पहली बैठक से उम्मीद है कि वन नेशन, वन इलेक्शन पर आगे की प्रक्रिया को गति मिलेगी।