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रक्षा मंत्रालय ने 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया
नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को वर्ष 2025 को "सुधारों का वर्ष" घोषित किया है। मंत्रालय ने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य सशस्त्र बलों में एकीकृत सैन्य कमान की स्थापना के माध्यम से सेना के तीनों अंगों (थल, वायु और नौसेना) के बीच समन्वय और एकजुटता को बढ़ावा देना है।
तकनीकी उन्नति और युद्ध क्षमता में सुधार पर जोर
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "सुधारात्मक उपायों का उद्देश्य सशस्त्र बलों को एक ऐसे युद्ध-कुशल और तकनीकी रूप से सशक्त बल में बदलना है, जो विभिन्न क्षेत्रों में एकीकृत संचालन को अंजाम देने में सक्षम हो।"
एकीकृत सैन्य कमान की स्थापना
रक्षा सुधारों का मुख्य फोकस एकीकृत सैन्य कमान की स्थापना पर होगा। यह पहल सेना, वायु सेना और नौसेना के बीच बेहतर समन्वय और संसाधनों के अनुकूल उपयोग को सुनिश्चित करेगी। इससे रणनीतिक और सामरिक निर्णय लेने में भी तेजी आएगी।
आधुनिक तकनीकों का समावेश
मंत्रालय ने यह भी कहा कि 2025 में सुधारों के तहत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), साइबर युद्ध, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और ड्रोन जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाया जाएगा। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के साथ मिलकर ऐसे उपकरण और तकनीक विकसित किए जाएंगे जो सशस्त्र बलों की क्षमता को नए आयाम देंगे।
बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन पर फोकस
सुधारों के तहत सैन्य बुनियादी ढांचे को भी आधुनिक बनाने की योजना है। सैनिकों के प्रशिक्षण, कल्याण और कार्यक्षमता को सुधारने के लिए नए कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सुधार केवल तकनीकी और रणनीतिक बदलाव तक सीमित नहीं होंगे, बल्कि मानव संसाधन प्रबंधन को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
रक्षा विशेषज्ञों और पूर्व अधिकारियों की प्रतिक्रिया
इस घोषणा का स्वागत करते हुए रक्षा विशेषज्ञों ने इसे भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। सेवानिवृत्त जनरल आर.के. शर्मा ने कहा, "एकीकृत सैन्य कमान की स्थापना समय की मांग है। यह कदम भारतीय सेना को अधिक प्रभावी और संगठित बनाने में मदद करेगा।"
अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा
मंत्रालय ने यह भी संकेत दिया कि सुधारों के हिस्से के रूप में रक्षा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। नई तकनीकों और प्रशिक्षण के लिए मित्र देशों के साथ समझौतों को प्राथमिकता दी जाएगी।
सुधारों का यह साल भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक नई दिशा तय करेगा और उनकी युद्धक क्षमता को आधुनिक युग की जरूरतों के अनुरूप बनाएगा।