BPSC Protest: आमरण अनशन के चौथे दिन भी जारी, प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव से मांगा समर्थन

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर का आमरण अनशन रविवार को चौथे दिन भी जारी रहा। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से समर्थन की अपील की।

प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "यह आंदोलन पूरी तरह गैर-राजनीतिक है और मेरी पार्टी के बैनर के तहत नहीं चल रहा।" उन्होंने बताया कि युवाओं ने एक "युवा सत्याग्रह समिति" (YSS) नामक 51 सदस्यीय मंच का गठन किया है, जो इस आंदोलन को आगे बढ़ाएगा। किशोर ने कहा कि वह इस समिति का सिर्फ एक हिस्सा हैं और इसके निर्णयों का पालन करेंगे।

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राहुल और तेजस्वी से समर्थन की अपील

प्रशांत किशोर ने कहा, "अगर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे बड़े नेता, जिनके पास संसाधन और समर्थक हैं, हमारा साथ दें, तो यह आंदोलन और मजबूत हो जाएगा।" उन्होंने कहा कि यह युवाओं और छात्रों के भविष्य का सवाल है और इस समय राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर सभी को एकजुट होना चाहिए।

सरकार पर आरोप

किशोर ने नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार ने तीन साल में 87 बार प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का आदेश दिया है। उन्होंने 29 दिसंबर को पटना में BPSC अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज और पानी की बौछार को "लोकतंत्र की हत्या" करार दिया।

YSS की भूमिका

उन्होंने बताया कि YSS के 51 सदस्यों में से अधिकांश अलग-अलग राजनीतिक संगठनों से जुड़े हैं, लेकिन वे सभी छात्रों के हित में एक मंच पर आए हैं। उन्होंने कहा कि YSS पूरी तरह से गैर-राजनीतिक रहेगा और युवाओं की मांगों के लिए संघर्ष करेगा।

BPSC परीक्षा विवाद

यह प्रदर्शन 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा को लेकर है। किशोर और अन्य प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि परीक्षा में कई गड़बड़ियां हुईं। हालांकि, BPSC ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दोबारा परीक्षा आयोजित की थी। शनिवार को पटना के 22 केंद्रों पर हुई इस परीक्षा में 12,012 पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 5,943 ने भाग लिया।

प्रशांत किशोर का संकल्प

किशोर ने कहा कि जैसे केंद्र सरकार को कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के बाद झुकना पड़ा था, वैसे ही नीतीश कुमार सरकार को भी युवाओं के सामने झुकना पड़ेगा। उन्होंने बिहार के युवाओं से इस आंदोलन को समर्थन देने की अपील की।

लोगों की प्रतिक्रिया

इस अनशन और आंदोलन ने राज्यभर में युवाओं और छात्रों के बीच चर्चा छेड़ दी है। वहीं, प्रशांत किशोर के इस कदम को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी सरगर्मी तेज हो गई है।

Edited By: Parakh Khabar

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