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23 दिसंबर का इतिहास: चौधरी चरण सिंह का जन्म और किसान दिवस का महत्व
नई दिल्ली: 23 दिसंबर का दिन भारतीय इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए याद किया जाता है। इस दिन को भारत में किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि यह देश के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्मदिवस है। उत्तर प्रदेश के हापुड़ में 1902 में जन्मे चौधरी चरण सिंह ने किसानों के हित में कई नीतियों की शुरुआत की। उनके सम्मान में, वर्ष 2001 से हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
23 दिसंबर की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएं
1902: किसानों के नेता और भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का उत्तर प्रदेश के हापुड़ में जन्म।
1914: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सेना मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंची।
1921: विश्व-भारती विश्वविद्यालय का उद्घाटन।
1922: बीबीसी रेडियो ने दैनिक समाचार प्रसारण शुरू किया।
1926: स्वतंत्रता सेनानी और आर्य समाज प्रचारक स्वामी श्रद्धानंद की हत्या।
1972: निकारागुआ की राजधानी मनागुआ में भूकंप से लगभग 10,000 लोगों की मौत।
1995: हरियाणा के मंडी डबवाली में स्कूल कार्यक्रम के दौरान आग लगने से 360 लोगों की मौत।
2000: प्रसिद्ध अभिनेत्री और गायिका ‘मलिका-ए-तरन्नुम’ नूरजहां का निधन।पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता का नाम आधिकारिक तौर पर बदलकर कोलकाता किया गया।
2008: सॉफ्टवेयर कंपनी सत्यम पर विश्व बैंक ने प्रतिबंध लगाया।
2019: दिल्ली के किराड़ी इलाके में तीन मंजिला मकान में आग लगने से नौ लोगों की मौत। सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में पांच लोगों को मौत की सजा सुनाई गई।
किसान दिवस का महत्व
किसानों के लिए चौधरी चरण सिंह का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने अपने कार्यकाल में कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए। किसान दिवस उनकी नीतियों और संघर्ष को सम्मानित करने का प्रतीक है।
इस प्रकार 23 दिसंबर न केवल चौधरी चरण सिंह के योगदान को याद करने का दिन है, बल्कि इतिहास में दर्ज कई अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह भी है।