Hathras Stampede: हादसे का जिम्मेदार कौन? भगदड़ के बाद से 'भोले बाबा' गायब हो गए
Hathras Stampede Case: हाथरस भगदड़ की घटना के बाद भोले बाबा और मुख्य अपराधी देवप्रकाश मधुकर न्याय की दौड़ से दूर हैं। राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पुलिस दोनों की तलाश कर रही है।
Hathras Stampede Case: चमत्कारी बाबा होने का दावा करने वाले 'भोले बाबा' 121 लोगों की मौत के बाद भी लापता हैं। 'भोले बाबा' जिन्हें बाबा सूरजपाल के नाम से भी जाना जाता है, जिन्हें नारायण साकार हरि के नाम से भी जाना जाता है, एक स्वयंभू आरोग्यदाता थे जो घटना के बाद मौके से चले गए। हाथरस में भगदड़ के बाद पुलिस फिलहाल घटना के मुख्य संदिग्ध देवप्रकाश मधुकर की तलाश कर रही है। पुलिस न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि राजस्थान और हरियाणा में भी उसकी तलाश कर रही है। फिर भी अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।
आरोपियों की सूची में बाबा का नाम शामिल नहीं है। घटना के बाद से बाबा की तलाश सभी एजेंसियों द्वारा की जा रही है। सूरजपाल, जिन्हें नारायण साकर हरि के नाम से भी जाना जाता है, जिन्हें कभी-कभी "भोले बाबा" के नाम से भी जाना जाता है, से पूछताछ के लिए एजेंसियां चाहती हैं। इस मामले में दर्ज पुलिस रिपोर्ट में मुख्य सेवादार मधुकर ही एकमात्र सूचीबद्ध आरोपी है। पुलिस ने सूरजपाल का नाम संदिग्धों की सूची में नहीं जोड़ा है। मधुकर के अलावा, पुलिस ने कई अन्य अज्ञात आयोजकों को भी आरोपी बनाया है।
नारायण साकर हरि से पूछताछ के लिए पुलिस उनकी तलाश कर रही है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस आयोजन के लिए अधिकारियों से किसी को भी बेदाग़ नहीं पाया गया है। सरकारी एजेंट भगदड़ की जांच के दौरान भाग गए मुख्य अपराधी की तलाश कर रहे हैं। इसके अलावा, अधिकारी पूछताछ के लिए उपदेशक सूरजपाल, जिन्हें नारायण साकर हरि के नाम से भी जाना जाता है, जिन्हें कभी-कभी "भोले बाबा" के नाम से भी जाना जाता है, की तलाश कर रहे हैं। फिलहाल, न तो बाबा और न ही मुख्य आरोपी की पहचान हो पाई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उनके दोनों फोन बंद हैं।
एसआईटी द्वारा दी गई रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भगदड़ की घटना की जांच करने वाली एसआईटी टीम से रिपोर्ट मिल गई है। यह रिपोर्ट आगरा जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुपम कुलश्रेष्ठ ने योगी सरकार को सौंपी है। जो प्रारंभिक रिपोर्ट दी गई है, उसमें एसआईटी ने 90 बयान दर्ज किए हैं। एसआईटी की विस्तृत रिपोर्ट भी जल्द ही सौंपी जाएगी। दूसरे शब्दों में कहें तो यूपी सरकार ने हाथरस कांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का नेतृत्व करने के लिए एक सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज को नियुक्त किया है। इस त्रासदी के पीछे कोई साजिश थी या नहीं, इसकी जांच पैनल करेगा। पुलिस ने कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। हाथरस जिले के फुलेराई गांव में 2 जुलाई को 'भोले बाबा' के सत्संग के बाद भगदड़ में 121 लोग मारे गए थे।
मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं। घटना के संबंध में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 105 (हत्या की श्रेणी में न आने वाली गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) और 238 (साक्ष्य नष्ट करना) के तहत आरोप लगाए हैं।
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