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अमेरिका में भयावह हमले: दो घटनाओं ने खड़े किए सुरक्षा पर सवाल
अमेरिका में दो दिनों के भीतर हुई दो घटनाओं ने देश को झकझोर कर रख दिया है। न्यू ऑर्लियंस में नए साल के जश्न के दौरान भीड़ पर ट्रक चढ़ा दिया गया, जिसमें अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। घटना के दौरान ट्रक पर इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) का झंडा लगा हुआ था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे आतंकवादी हमला करार दिया है।
दोनों घटनाओं के संभावित कनेक्शन की जांच जारी
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि दोनों घटनाओं के बीच किसी संभावित संबंध की जांच की जा रही है। खास बात यह है कि दोनों वाहन एक ही रेंटल एप से किराए पर लिए गए थे। ये घटनाएं ऐसे समय में हुई हैं, जब डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में लौटने में कुछ ही दिन बाकी हैं। इन हमलों ने अमेरिका में सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवादी समूहों की बढ़ती गतिविधियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वैश्विक निंदा और बढ़ती चिंता
न्यू ऑर्लियंस के हमले की वैश्विक स्तर पर निंदा की जा रही है। इस हमले ने अमेरिका में सुरक्षा खामियों की पोल खोल दी है और यह आशंका बढ़ा दी है कि कहीं देश 9/11 जैसे माहौल की ओर न लौट जाए।
आईएसआईएस की नई रणनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला आईएसआईएस की नई रणनीति का हिस्सा हो सकता है। हाल के वर्षों में आईएसआईएस ने यूरोप में भी इसी तरह के हमले किए हैं, जहां जर्मनी सहित कई यूरोपीय देशों को निशाना बनाया गया। 2019 में अमेरिका और सहयोगियों द्वारा आईएसआईएस की खिलाफत को खत्म करने के बाद संगठन का प्रभाव कमजोर हुआ था, लेकिन अब उसके समर्थक अमेरिका में हमलों को अंजाम दे रहे हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर नए सिरे से जोर देने की जरूरत
आईएसआईएस को अल कायदा से भी अधिक हिंसक और चरमपंथी माना जाता है। इस तरह की घटनाएं सामान्य हमले नहीं हैं। अमेरिका को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना होगा, क्योंकि यदि आईएसआईएस की जड़ें अमेरिका में मजबूत हुईं, तो यह देश के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है।
भविष्य की राह
इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका को आतंकवाद के खिलाफ सतर्क रहना होगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह के हमलों से निर्दोष नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।