बलिया। शहर के कोतवाली गेट के सामने समर्थकों ने कानूनगो को पीटा
बलिया। विकास खंड सोहांव के मौजा करंजा मोहल्ले के कानूनगो को बुधवार की दोपहर समर्थकों ने शहर के कोतवाली प्रवेश द्वार के सामने पीट दिया। इसके बाद भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई
बलिया। विकास खंड सोहांव के मौजा करंजा मोहल्ले के कानूनगो को बुधवार की दोपहर समर्थकों ने शहर के कोतवाली प्रवेश द्वार के सामने पीट दिया। इसके बाद भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। राजस्व विभाग के लेखपाल व कानूनगो पर अधिवक्ताओं ने पैसा चोरी करने के अलावा कुछ नहीं करने का आरोप लगाया है। कानूनगो व लेखपालों का कहना है कि जब कोतवाली प्रभारी मौजूद नहीं थे तो हम लोग जा रहे थे।
इसी बीच अधिवक्ता ओमप्रकाश व हर्षित दुबे समेत दस लोग पहुंचे और कोतवाली गेट के सामने कानूनगो मोतीलाल राम की पिटाई कर दी, प्रार्थना पत्र फाड़ दिया और नारेबाजी करने लगे। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से कोतवाली को तहरीर दी गई। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने दो अधिवक्ताओं समेत दस अज्ञात लोगों के खिलाफ एससी/एसटी के अलावा कानून का उल्लंघन करने की धारा में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की है। मिली जानकारी के अनुसार, यूपी के सुल्तानपुर जिले के निवासी मोती लाल राम बलिया जिले के सोहांव ब्लॉक के करंजा गांव में वकील के रूप में कार्यरत हैं।
एसडीएम बलिया के निर्देशानुसार वे और लेखपाल विपिन सिंह 6 जुलाई को करंजा गांव निवासी वादी प्रेमशंकर यादव की शिकायत पर विवादित जमीन की पैमाइश करने गए थे। वहां उनके साथ बदसलूकी की गई, कानूनगो की पिटाई की गई और जातिसूचक टिप्पणी की गई। पीड़ित कानूनगो मोती लाल राम अपने कुछ सहकर्मियों के साथ 7 जुलाई को इनके खिलाफ लिखित शिकायत लेकर शहर थाने गए थे। वहां हेड इंस्पेक्टर मौजूद नहीं थे, इसलिए वे वापस जा रहे थे। तत्कालीन वकील ओम प्रकाश और उनके बेटे हर्षित दुबे पर आरोप है कि उन्होंने 10 अन्य अज्ञात लोगों के साथ थाने के गेट के सामने उनकी पिटाई कर दी। जिसमें कानूनगो को काफी चोटें आईं। हालांकि, घटना की जानकारी होने पर अन्य वकील भी थाने पहुंच गए और हंगामा किया।
अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि जिले के लेखपाल और कानूनगो ने बिना भुगतान लिए ही काम बंद कर दिया। यह दावा निराधार है कि उन्होंने आपको हरा दिया। हालांकि, अधिवक्ताओं की ओर से वादी प्रेमशंकर यादव निवासी चौरा ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया है कि सात जुलाई को हम अपने अधिवक्ता के साथ तहसील बलिया में एसडीएम के पास गए थे। वहां लेखपाल विपिन सिंह और हल्का कानूनगो मोतीलाल राम ने उनसे पचास हजार रुपये की मांग करते हुए कहा कि बिना भुगतान के काम नहीं हो सकता।
विरोध करने पर उनके साथ अभद्रता की गई। बाहर निकलने पर दोनों ने उनकी जेब से पांच-पांच हजार रुपये निकाल लिए। इस मामले में थाने में दोनों पक्षों की ओर से तहरीर दी गई। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। थाने पर फोन करने वाले राजस्व संगठन के अनुसार अगर 24 घंटे के अंदर आरोपियों को हिरासत में नहीं लिया गया तो बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा। शहर कोतवाल योगेंद्र बहादुर सिंह के अनुसार कानूनगो के आरोप के आधार पर दो वकीलों समेत दस अज्ञात लोगों के खिलाफ एससी-एसटी व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गई है।
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