बलिया : गांव पहुंचा अग्निवीर का शव, मचा हड़कंप
मझौवां, बलिया : वायुसेना की आगरा यूनिट में अग्निवीर के पद पर तैनात 22 वर्षीय श्रीकांत चौधरी पुत्र मनजी पटेल का शव गुरुवार की सुबह निजी एंबुलेंस से उनके गृहग्राम नरायनपुर पचरुखिया पहुंचते ही कोहराम मच गया।
मझौवां, बलिया : वायुसेना की आगरा यूनिट में अग्निवीर के पद पर तैनात 22 वर्षीय श्रीकांत चौधरी पुत्र मनजी पटेल का शव गुरुवार की सुबह निजी एंबुलेंस से उनके गृहग्राम नरायनपुर पचरुखिया पहुंचते ही कोहराम मच गया। देश की सेवा की तमन्ना से अग्निवीर बने अपने मृत बेटे को सीने से लगाते ही परिवार के लोग फूट-फूट कर रोने लगे। माता-पिता, भाई-बहन समेत परिवार के लोगों की चीत्कार और चीत्कार वहां मौजूद हर किसी का कलेजा मुंह को आ रहा था। परिजनों से लेकर आम लोगों में एक तरफ जहां दुख और सरकार के प्रति आक्रोश साफ झलक रहा था।
आपको बता दें कि रेवती थाना क्षेत्र के नरायनपुर पचरुखिया निवासी श्रीकांत चौधरी पुत्र मनजी पटेल अग्निवीर कार्यक्रम के जरिए वायुसेना में भर्ती हुए हैं। उनकी पोस्टिंग आगरा में थी। बुधवार को श्रीकांत चौधरी के निधन की सूचना परिजनों को दी गई। गुरुवार को अग्निवीर श्रीकांत चौधरी का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही मोहल्ले से काफी भीड़ उमड़ पड़ी। जब तक सूरज चांद रहेगा, श्रीकांत भैया अमर रहे... श्रीकांत भैया तेरा नाम रहेगा की आवाज गूंजती रही। ऐसा लग रहा था कि हर कोई अपने धरती पुत्र के अंतिम दर्शन को आतुर था। पार्थिव शरीर घर से गंगा नदी के पचरुखिया घाट के लिए निकला तो हजारों लोगों का कारवां बन गया। जो जहां था, वहीं से शव यात्रा में शामिल होता चला गया।
बिहटा एयरफोर्स के 45 जवानों ने पचरुखिया गंगा घाट पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अपने मित्र को अंतिम विदाई दी। उसी समय बड़े भाई सिद्धांत कुमार पटेल ने चिता को मुखाग्नि दी। इस खास मौके पर क्षेत्रीय विधायक जयप्रकाश अंचल, प्रधान मनोज कुमार यादव, पूर्व प्रधान अशोक सिंह, अनिल चौधरी समेत हजारों लोगों से गंगा घाट खचाखच भरा था। रेवती थाना क्षेत्र के नारायणपुर पचरुखिया निवासी श्रीकांत चौधरी दिसंबर 2022 में वायुसेना में बतौर अग्निवेश भर्ती हुए थे। परिजनों की मानें तो करीब छह माह पहले उनकी ड्यूटी आगरा स्थित वायुसेना स्टेशन पर लगी थी। 13 जून को तीन जून तक की छुट्टी लेकर श्रीकांत वापस काम पर लौटे थे। परिजनों ने बताया कि श्रीकांत चौधरी गार्ड के पद पर कार्यरत थे। बुधवार की सुबह करीब पांच बजे आगरा में तैनात उनके साथी जवानों ने फोन पर परिजनों को सूचना दी।
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